रांची| झारखंड की राजधानी रांची में इन दिनों चिकित्सा सुविधा की क्या स्थिति है, इसकी बानगी हजारीबाग जिले के बरकट्ठा प्रखंड के मरमगड्डा निवासी समाजसेवी विनोद पासवान की बीमार पत्नी के साथ घटी घटना को देखने से मिल रही है। विनोद अपनी पत्नी गिरिजा देवी के इलाज के लिए रांची के कई अस्पतालों में भटकते रहे। पर कहीं दाखिला नहीं मिला। स्थिति इतनी गंभीर हुई कि महिता की मौत उनकी गाड़ी पर ही हो गई।
गिरिजा देवी एक सप्ताह से बुखार से पीड़ित थी। बताया जाता है कि उसे मलेरिया, टायफाइड हो गया था। उसका इलाज पहले ग्रामीण चिकित्सकों से कराया गया। इसी बीच 26 अप्रैल को बीमार महिला गंभीर हो गई। आनन- फानन में परिजनों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरकट्ठा लेकर पहुंचे। चिकित्सकों ने तुरंत रेफर कर दिया। हजारीबाग सदर अस्पताल में कोविड जांच की गयी। कोविड जांच निगेटिव आने के बाद इलाज हुआ। लेकिन मरीज़ की हालत को देखते हुए उसे वहां से भी उसे रेफर किया गया।
परिजनों के मुताबिक रिम्स में उसका एडमिशन नहीं हो पाया। इसके बाद कई अस्पतालों के चक्कर लगाया पर कहीं भर्ती नही लिया गया। अंततः महिला की मौत हो गई। मंगलवार को उसका दाह संस्कार किया गया।