नई दिल्ली। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इस बरस दक्षिण-पश्चिम मानसून के सामान्य रहने की संभावना जताई है | देश में वर्ष 2019, 2020 और 2021 में चार महीने के दक्षिण पश्चिम मानसून में सामान्य वर्षा हुई थी।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने आज यह जानकारी देते बताया कि इस साल जून से सितंबर तक मानसूनी वर्षा एलपीए का 99 फीसद रह सकती है जिसमें पांच फीसद के उतार-चढ़ाव की संभावना है।
अनुमान है कि ‘सामान्य वर्षा’ की 40 फीसद, सामान्य से अधिक वर्षा (एलपीए के 104 से 110 फीसद तक) की 15 फीसद तथा ‘अत्यधिक वर्षा’ (एलपीए के 110 फीसद से अधिक) की पांच फीसद संभावना है।
आईएमडी के मुताबिक ‘सामान्य से कम वर्षा’ (एलपीए का 90 से 96 फीसद) की 26 फीसद तथा ‘कम वर्षा ’ (एलपीए के 90 फीसद से कम वर्षा) की 14 फीसद आशंका है।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, पूर्वोत्तर राज्यों, उत्तर पश्चिम भारत के उत्तरी हिस्सों और प्रायद्वीपीय भारत के दक्षिणी हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है, जबकि देश के बाकी हिस्सों में सामान्य बारिश होगी।
भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में ला नीना की स्थिति बनी हुई है। इसके अलावा, नेगेटिव हिंद महासागर डिपोल (आईओडी हिंद महासागर के विभिन्न हिस्सों में तापमान के बीच का अंतर है) को भारतीय मानसून पर एक मजबूत प्रभाव के लिए जाना जाता है।
आईएमडी ने कहा कि वह इन महासागरीय घाटियों पर समुद्र की सतह की स्थिति की निगरानी कर रहा है| आईएमडी ने कहा कि वह मई 2022 के अंतिम सप्ताह में दक्षिण पश्चिम मानसून वर्षा के लिए एक अपडेट पूवार्नुमान जारी करेगा।