भुवनेश्वर| चक्रवाती तूफान जवाद ओडिशा के पुरी के पास लैंडफॉल कर सकता है। ओडिशा तट को पार करने के बाद, यह फिर से समुद्र में प्रवेश कर सकता है। ओडिशा तट में हवा की गति लगभग 90 -100 किमी प्रति घंटे होगी| छत्तीसगढ़ में भी इसके असर से बारिश की सम्भावना जताई गई है |
वहीँ चक्रवात जवाद का असर तटीय जिलों के साथ ही राजधानी भुवनेश्वर -कटक में सुबह से ही दिखाई देने लगा है। आसमान बादलों से ढक गया है, समुद्री हवा लोगों को डरा रही है। प्रशासन लगातार बुलेटिन जारी कर सावधानी बरतने की अपील कर रहा है। तटीय और प्रभावित होने वाले जिलों में एनडीआरएफ एवं ओड्राफ की टीम भेजी जा रही है। वायुसेना को एलर्ट पर रखा गया है| सरकारी कर्मचारी एवं अधिकारियों की छुट्टी को रद कर दिया गया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के पूर्वानुमान के अनुसार, लैंडफॉल के बाद हवा की तीव्रता में कमी आएगी जो 4 दिसंबर की शाम से 5 दिसंबर की सुबह के बीच रहने की संभावना है।
यदि चक्रवाती तूफान फिर से वक्र लेता है, तो इस बात की पूरी संभावना है कि यह ओडिशा तट के समानांतर पार हो सकता है। इसके प्रभाव से पुरी, खोरधा, जगतसिंहपुर, गंजम और केंद्रपाड़ा जिलों में प्रभाव अधिक महसूस किया जाएगा।
इन जिलों में लैंडफॉल प्रक्रिया के दौरान हवा की गति 60 से 80 के बीच रहने का अनुमान है। पुरी और जगतसिंहपुर जिलों में 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं|
चक्रवाती तूफान जवाद के कारण ओडिशा के कई हिस्सों में 3 दिसंबर से बारिश शुरू हो जाएंगी। 4 दिसंबर से बारिश की तीव्रता बढ़ जाएगी।
आईएमडी ने गंजम, गजपति, पुरी और जगतसिंहपुर जिलों में भारी बारिश के लिए रेड वार्निंग भी जारी की है। कोरापुट, रायगड़ा, केंद्रपरा, खोरधा जिलों सहित राज्य के अन्य हिस्सों में भी मध्यम से भारी वर्षा होगी।
चक्रवात जवाद से प्रभावित राज्य हैं ओडिशा, पश्चिम बंगाल एवं आन्ध्र प्रदेश । राज्य एवं केन्द्र सरकार लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए हम तैयारी कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भी इसके असर से बारिश की सम्भावना जताई गई है |