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चक्रवात Tauktae गोवा के तटीय भागों को प्रभावित किया। भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक Tauktae के उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने की बहुत संभावना है। देर दोपहर तक इसका केंद्र गोवा के उत्तर-उत्तर-पश्चिम में होगा। लगभग पूरे दिन आंधी और बारिश जारी रहेगी|
चक्रवात Tauktae का दृश्य
इधर भारतीय वायुसेना, नौसेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) चक्रवात Tauktae से निपटने की तैयारी कर रहे हैं। चक्रवात से अगले कुछ दिनों में देश के पश्चिमी तट पर ‘बहुत भारी’ बारिश होने की संभावना है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने रविवार सुबह 10 बजे तक भारी बारिश के अनुमानों के कारण लक्षद्वीप में अगत्ती हवाईअड्डे के लिए सभी निर्धारित उड़ानों को निलंबित कर दिया है।
कर्नाटक में CycloneTauktae के कारण दक्षिण कन्नड़ के कुछ हिस्सों में बारिश का प्रभाव, जिसके 18 मई को गुजरात तट से टकराने की संभावना है।
नेशनल वेदर फोरकास्टिंग सेंटर ने कहा कि चक्रवात Tauktae के उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 17 मई की शाम को गुजरात तट पर पहुंचने और 18 मई की सुबह पोरबंदर और महुवा (भावनगर जिला) के बीच गुजरात तट को पार करने की बहुत संभावना है।
इधर भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से ‘तौकते’ नामक चक्रवाती तूफान को लेकर जारी अलर्ट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उच्चस्तरीय बैठक लेकर सावधानी बरतने के निर्देश दिए । लक्षद्वीप द्वीप समूह और अरब सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने की वजह से शक्तिशाली चक्रवाती तूफान के गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा और केरल आदि राज्यों के तटों से टकराने की आशंका है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि गुजरात के पोरबंदर तट पर 18 मई को दोपहर 175 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफान टकरा सकता है। गुजरात के तटीय जिलों में भारी वर्षा हो सकती है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग 13 मई से लगातार बुलेटिन जारी कर रहा है संबंधित राज्यों को। कैबिनेट सेक्रेटरी सभी तटीय राज्यों के मुख्य सचिव और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों के संपर्क में बने हुए हैं। गृहमंत्रालय लगातार 24 घंटे हालात की निगरानी कर रहा है और राज्यों के संपर्क में है।
एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों को एक्टिव कर दिया गया है। इंडियन कोस्ट गार्ड और नेवी को शिप और हेलीकॉप्टर पर निगरानी के लिए लगाया गया है। एयरफोर्स, आर्मी की इंजीनियर टास्क फोर्स को भी तैयार रखा गया है। लोगों को खतरे वाली जगहों से बाहर निकालने पर जोर दिया गया। प्रधानमंत्री ने बिजली, संचार, स्वास्त्य, पेयजल आदि सुविधाओं पर नजर रखने को कहा।