रायपुर| छत्तीसगढ़ में पिछले सप्ताह भारी बारिश के बाद मानसून फिर से सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों में बस्तर, बिलासपुर और सरगुजा संभाग के जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है। इन जिलों में गरज-चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने की बात भी कही जा रही है।
रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र ने भारी बरसात और वज्रपात की चेतावनी जारी की है। इसके मुताबिक अगले कुछ घंटों में बस्तर संभाग के सभी जिलों और उससे लगे कुछ जिलों में एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है। वहां भारी बरसात भी हो सकती है। बिलासपुर, मुंगेली, कोरिया और सूरजपुर जिलों में एक-दो स्थानों पर भी बिजली गिर सकती है। इन एक-दो स्थानों पर भारी बरसात की संभावना भी बनी हुई है।
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे लगे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर 1.5 किलोमीटर से 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक फैला हुआ है। अगले 24 घंटे में इसके दक्षिण ओडिशा की ओर जाने की संभावना बन रही है।
मानसून के दो और सिस्टम बने हुए हैं। इसके प्रभाव से प्रदेश के अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना बनी हुई है। बताया जा रहा है, मौजूदा सिस्टम को देखते हुए 20 से 22 सितंबर तक छत्तीसगढ़ में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की ही संभावना है। इस बीच एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग से आज सुबह तक प्रदेश भर के 15 जिलों से बरसात की रिपोर्ट मिली है। इसमें 2.6 मिलीमीटर औसत बारिश हुई है। सबसे अधिक 7.4 मिमी बरसात मुंगेली जिले में हुई है। उसके बाद महासमुंद में 6.2 मिमी, कोण्डागांव में 5.2 मिमी और कबीरधाम में 5 मिमी बरसात दर्ज हुई है।
पिछले सप्ताह हुई तेज बरसात ने प्रदेश की औसत वर्षा के 92 प्रतिशत की पूर्ति कर दी है। पांच जिले ऐसे हैं, जहां अब तक की मानसूनी वर्षा का कोटा पार हो चुका है। एक जून से अब तक गौरेला पेण्ड्रा मरवाही में 1215 मिमी बरसात हो चुकी है। यह उसके औसत सामान्य वर्षा 947.6 मिमी से 128 प्रतिशत अधिक है। मुंगेली में 119 प्रतिशत, कबीरधाम में 115 प्रतिशत, दुर्ग में 108 प्रतिशत और बलौदा बाजार-भाटापारा में 107 प्रतिशत अधिक बरसात हो चुकी है। बस्तर के सुकमा में भी अधिक बरसात हुई है।