दोहा में तालिबान के साथ बैठक को सिर्फ एक बैठक के रूप में मानें: विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर कहा है कि दोहा में तालिबान के साथ बैठक को सिर्फ एक बैठक के रूप में मानें ,अभी शुरूआती दिन हैं |

नई दिल्ली | विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर कहा है कि दोहा में तालिबान के साथ बैठक को सिर्फ एक बैठक के रूप में मानें ,अभी शुरूआती दिन हैं |

क्या भारत तालिबान के साथ और बैठकें करेगा? इस संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस बारे में साझा करने के लिए मेरे पास कोई नयी जानकारी नहीं है; अंदाजा लगाना नहीं चाहता।

हमारा जोर इस बात पर है कि अफगान भूमि का उपयोग भारत के खिलाफ किसी आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं होना चाहिए।

समाचार एजेंसी एएनआई के एक ट्विट के मुताबिक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अफगानिस्तान से शेष भारतीयों को वापस लाने पर कहा, “काबुल हवाई अड्डे पर परिचालन फिर से शुरू होने के बाद हम इस मुद्दे पर फिर से विचार कर पाएंगे। अधिकांश भारतीयों ने अफगानिस्तान छोड़ दिया है।”

बता दें कि इसके पहले व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा है कि अमेरिका या अन्य किसी देश को तालिबान को मान्यता देने की कोई जल्दबाजी नहीं है, क्योंकि यह कदम पूरी तरह इस बात पर निर्भर करेगा कि वह वैश्विक समुदाय की उम्मीदों पर कितना खरा उतरता है।

मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘अमेरिका या अन्य किसी देश, जिससे हमने बात की है उसे तालिबान को मान्यता देने की कोई जल्दबाजी नहीं है। यह तालिबान के व्यवहार और इस बात पर निर्भर करता है कि वह वैश्विक समुदाय की उम्मीदों पर खरा उतरता है या नहीं।’

वहीं, एक अन्य संवाददाता सम्मेलन में विदेशी मामलों की अवर सचिव विक्टोरिया जे. नुलैंड ने कहा, ‘हम उन सभी स्तर पर बातचीत जारी रखेंगे जो, हमारे साथ-साथ हमारे सहयोगियों एवं भागीदारों के हित में है।’

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