काबुल । अफगानिस्तान में अमेरिकी फौज के वापस लौट जाने के बाद से तालिबान ने यहां अमानवीयता की हदे पार करते हुए जमकर मारकाट मचा रखी है।
तालिबान ने अफगानिस्तान के कई प्रांतों पर कब्जा कर लिया है, नागरिक अपने घरों को छोड़कर दूसरी जगहों पर भाग रहे हैं। तालिबान के आतंक में अब तक कई हजार लोगों की जान चुकी हैं।
इनके अत्याचार का कहर मासूम बच्चों की भी नहीं बख्श रहा है। संयुक्त राष्ट्र की बच्चों की एजेंसी ने सोमवार को कहा कि पिछले तीन दिनों में अफगानिस्तान के तीन प्रांतों में कम से कम 27 बच्चे मारे गए हैं और 136 घायल हुए हैं। इसके अलावा कई मासूम नागरिकों की जान भी गई है।
अफगान सुरक्षा बल और तालिबान के बीच चल रहे इस संघर्ष का सबसे ज्यादा बुरा असर बच्चों पर ही पड़ रहा है। बच्चे इनके आतंक से सबसे ज्यादा पीड़ित हैं।
अफगानिस्तान में यूनिसेफ के मुख्य फील्ड ऑपरेशन मुस्तफा बेन मेसाउद ने कहा कि इस साल के अंत तक अफगानिस्तान में पांच साल से कम उम्र के हर दो बच्चों में से कोई एक कुपोषण के कारण मानसिक रूप से बीमार या कुपोषित होगा और स्कूल नहीं जा पाएगा।
तालिबान ने अफगानिस्तान के बड़े ग्रामीण हिस्से पर अपना कब्जा कर लिया है और अब वह प्रांतीय राजधानियों की तरफ मुड़ गया है। आतंकवादियों ने अफगानिस्तान के अधिकांश हिस्सों में अपना दबाव बढ़ा दिया है।
34 प्रांतीय राजधानियों में से पांच पर तालिबान का नियंत्रण है। तालिबान लड़ाकों ने रविवार को अहमद शाह अब्दाली कंधार हवाई अड्डे पर हमला किया, इमारत पर कई रॉकेट दागे। हमले के बाद कुछ घंटों के लिए उड़ान संचालन को रोक दिया गया था।
पुलिस के अनुसार, पत्रकार और रेडियो स्टेशन पक्तिया वॉयस के प्रमुख तूफान ओमारी की काबुल में तालिबान लड़ाकों ने गोली मारकर हत्या कर दी। उमर पक्तिया प्रांत में अभियोजक भी थे।
वह बगराम से काबुल जा रहे थे तभी उनकी कार पर घात लगाकर हमला किया गया। तखर प्रांत पर तालिबान के हालिया हमले का एक दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया है।
हमले में एक बच्चे की मौत हो गई और उसकी बहन को रोते हुए और लड़के को जगाने की कोशिश करते देखा गया। तालिबान के नियंत्रण वाले इलाकों में आतंकवादियों ने बदला लेने के लिए हमले तेज कर दिए हैं
और महिलाओं के दमनकारी व्यवहार की भी सूचना मिली है। तालिबान ने गजनी शहर में दो पुलिसकर्मियों का अपहरण कर लिया और उन्हें एक अज्ञात स्थान पर ले जाकर रखा है।