नई दिल्ली । ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा तबियत खराब होने के कारण घर के करीब पहुंचकर भी अपने पिता से नहीं मिल आये और न ही अपनी मां के हाथ का बना चूरमा ही खा पाए।
नीरज के घर पर उन्हें देखने वालों की इतनी ज्यादा भीड़ लग गयी थी कि वह घर न जाकर पास में ही एक अन्य जगह पर रुके। इसके बाद डॉक्टर को दिखाने के बाद वह चंडीगढ़ के लिए रवाना हुए।
नीरज को पानीपत के पास अपने गांव में आयोजित एक स्वागत समारोह में शामिल होना था पर थकान और ‘हलके’ बुखार के कारण उन्हें यह समारोह बीच में ही छोड़ना पड़ा।
नीरज ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने के बाद से ही लगातार हुए स्वागत समारोहों के कारण आई थकान से बीमार पड़े हैं। वह मंगलवार को पानीपत से लगभग 15 किलोमीटर दूर अपने पैतृक गांव खंडरा लौटे।
वहां स्थानीय लोगों के उनका जोरदार स्वागत किया। इसके बाद जब उनका काफिला स्वागत समारोह में पहुंचा तो वहां बड़ी संख्या में लोग आए थे। कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने में उन्हें समय लगा।
इस समारोह के बीच में ही वह थका हुआ महसूस कर रहे थे और उन्हें हल्का बुखार होने लगा। इसलिए, उन्होंने समारोह छोड़ दिया और पास के एक घर में आराम करने चले गये।
तेज बुखार के कारण ही वह पंजाब और हरियाणा सरकारों द्वारा आयोजित सम्मान समारोहों में भी भाग नहीं ले पाये थे। उनकी कोविड-19 के लिए जांच हुई जिसमें वह निगेटिव पाये गये।