मीराबाई चानू ने राष्ट्रीय खेलों में जीता पहला पदक

टोक्यो ओलंपिक 2020 की रजत पदक विजेता भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने कलाई की चोट से पार पाते हुए 36वें राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक हासिल किया। मीराबाई ने स्नैच में 84 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 107 किग्रा (कुल 191 किग्रा) का सर्वश्रेष्ठ प्रयास करके महिला भारोत्तोलन 49 किग्रा वर्ग में अपना पहला राष्ट्रीय खेल स्वर्ण जीता।
मीराबाई चानू ने राष्ट्रीय खेलों में जीता पहला पदक

अहमदाबाद। टोक्यो ओलंपिक 2020 की रजत पदक विजेता भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने कलाई की चोट से पार पाते हुए 36वें राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक हासिल किया। मीराबाई ने स्नैच में 84 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 107 किग्रा (कुल 191 किग्रा) का सर्वश्रेष्ठ प्रयास करके महिला भारोत्तोलन 49 किग्रा वर्ग में अपना पहला राष्ट्रीय खेल स्वर्ण जीता। मीराबाई को मणिपुर की उनकी साथी संजीता चानू ने कड़ी टक्कर दी लेकिन अंततः संजीता को कुल 187 किग्रा भार के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

संजीता ने सात साल पहले आयोजित राष्ट्रीय खेलों के 48 किग्रा वर्ग में स्वर्ण जीता था जबकि मीराबाई को रजत पदक मिला था, हालांकि मीराबाई ने यहां पासा पलट दिया। मीराबाई ने जीत के बाद कहा, “मणिपुर का ध्वजवाहक होना गर्व का क्षण था। यहां अपना पहला स्वर्ण जीतकर अच्छा महसूस हो रहा है। हाल ही में प्रशिक्षण के दौरान मेरी बाईं कलाई में चोट लगी थी, जिसके बाद मैंने दिसंबर में विश्व चैंपियनशिप से पहले इसे जोखिम में नहीं डालना बेहतर समझा।”

प्रतियोगिता में हिस्सा लेने से पहले राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन समारोह में उपस्थित रहीं मीराबाई ने कहा, “आमतौर पर उद्घाटन समारोह में भाग लेना काफी व्यस्त कर देता है, क्योंकि मेरा कार्यक्रम अगले दिन जल्दी शुरू होना था, लेकिन मुझे लगा कि मुझे इस बार खुद को चुनौती देनी चाहिए।” मीराबाई अगले साल एशियाई खेलों में अपना पहला पदक लाने का प्रयास कर रह हैं, हालांकि उनका ध्यान मुख्य रूप विश्व चैंपियनशिप पर केंद्रित है, जो एक ओलंपिक क्वालीफाइंग इवेंट होगा।

मणिपुर की 28 वर्षीय भारोत्तोलक ने कहा, “मेरे पास एक एशियाई खेलों का पदक नहीं है। पीठ की चोट के कारण 2018 संस्करण से बाहर होने के बाद यह मेरा पहला एशियाई खेल होगा। मेरे लिए अब मुख्य ध्यान विश्व चैंपियनशिप पर है, जहां मुझे उन्हीं भारोत्तोलकों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा, जिनसे मैं एशियाड में मिलूंगी।”

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