नई दिल्ली । इससे इनकार नहीं किया जा सकता है, कि जब भी भारतीय कप्तान विराट कोहली अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना पक्ष रखते हैं,तब पूरे दिल के साथ रखते हैं।
कोहली को मैदान पर उनकी आक्रामकता के लिए जाना जाता है। भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स में हुए दूसरे टेस्ट मैच में जेम्स एंडरसन और कोहली के बीच जुबानी जंग देखी गई।इसके बाद जब एंडरसन के साथ कोहली की तीखी नोकझोंक चर्चा का प्रमुख विषय बनी है, इसके बाद पूर्व भारतीय क्रिकेटर फारुख इंजीनियर को लगता है कि भारतीय कप्तान को अपनी सीमा में रहना चाहिए।
फारुख ने कप्तानी की आक्रामक शैली के लिए भारतीय कप्तान की प्रशंसा की। पूर्व क्रिकेटर ने स्वीकार किया कि उन्हें कोहली का ऑन-फील्ड व्यवहार पसंद है।हालांकि, पूर्व भारतीय क्रिकेटर को लगता है कि कोहली कई बार कुछ ज्यादा ही बहक जाते हैं।
पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज का मानना है कि भारतीय कप्तान का आक्रामक स्वभाव भी उन्हें मुश्किल में डाल सकता है। उन्होंने कहा, मैं इसके लिए विराट की प्रशंसा करता हूं, वह आक्रामक कप्तान रहे हैं।यह अच्छा हैं,लेकिन सीमा के भीतर होना चाहिए।
अन्यथा, अंपायर या मैच रेफरी हस्तक्षेप कर सकते हैं। एक सवाल पर क्या कोहली को अपनी आक्रामकता कम करनी चाहिए? इस पर उन्होंने कहा, शायद कभी-कभी, हां, क्योंकि वह कभी-कभी थोड़ा बहुत बहक जाते हैं।
लेकिन मुझे उनकी आक्रामकता पसंद है। वह बहुत अच्छे कप्तान हैं। मुझे लगता है कि वह दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक हैं।
फारुख इंजीनियर की टिप्पणी मैच के दौरान कोहली और एंडरसन के बीच तीखी नोकझोंक के बाद आई है। भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के एंडरसन के साथ तीखी बहस में शामिल होने के बाद कोहली ने विपक्षी खिलाड़ियों को वापस जवाब देने का विकल्प चुना था।
बता दें कि भारत के पुछल्ले बल्लेबाजों मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह को लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने टारगेट किया था।
बुमराह और शमी का दमदार पारी के दम पर भारत ने मैच के अंतिम दिन जीत हासिल की थी।मैच के अंतिम दिन सुबह के सेशन में आठ विकेट गिरने के बाद शमी और बुमराह ने नौंवे विकेट के लिए 89 रन की साझेदारी की।
इन दोनों की पारी के दम पर भारत ने इंग्लैंड को 272 रनों का टारगेट दिया। इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने शानदार परफॉर्म करते हुए इंग्लैंड को 120 रन पर रोक दिया और लॉर्ड्स टेस्ट में 151 रनों से जीत हासिल की।