टोक्यो । टोक्यो ओलंपिक में इस बार महिलाओं का दबदबा बना हुआ है। अब तक दुनिया भर की महिला प्रतियोगियों ने पुरुषों से ज्यादा पदक जीते हैं। महिला प्रतियोगियों की सफलता से ही ओलंपिक पदक तालिका में अमेरिका को पीछे छोड़कर चीन नंबर एक पर पहुंच गया है।
चीन ने अब तक 22 स्वर्ण , 13 रजत और 12 कांस्य सहित 47 पदक जीते हैं। वहीं अमेरिका 19 स्वर्ण 20 रजत और 13 कांस्य लेकर कुल 52 पदक जीतकर दूसरे नंबर पर है। भारत को अबतक एक रजत मिला है और एक कांस्य पक्का हो गया है। ये भी महिला प्रतियोगियों ने ही हासिल किये हैं।
भारत की ओर से महिला भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने रजत जबकि महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगाहेन ने सेमीफाइनल में पहुंचकर एक पदक पक्का कर लिया है। चीन की ओर से 22 में से 12 स्वर्ण पदक महिला खिलाड़ियों ने जीते हैं। वहीं पुरुषों को 7 स्वर्ण मिले हैं। कुल पदकों की बात करें तो 47 में से 22 पदक महिला खिलाड़ियों ने जीते हैं।
यानी लगभग 47 फीसदी है। वहीं पुरुष खिलाड़ियों ने 19 पदक ही जीते हैं। इस प्रकार चीन को अधिक पदक महिला खिलाड़ियों के कारण ही मिले हैं।
वहीं अमेरिका की ओर से 52 पदकों में से 19 स्वर्ण 9 स्वर्ण महिलाओं ने जबकि 10 स्वर्ण पुरुष खिलाड़ियों ने जीते हैं जबकि कुल पदकों की बात करें तो महिला खिलाड़ियों ने 31 पदक जीते हैं, जबकि पुरुष खिलाड़ियों ने 16 पदक हासिल किये हैं।
अमेरिका के कुल पदक चीन से ज्यादा हैं पर स्वर्ण कम होने से वह दूसरे नंबर पर खिसक गय है। चीन की ओर से महिला खिलाड़ियों ने पुरुष खिलाड़ियों से तीन स्वर्ण ज्यादा जीतकर पदक तालिका में अपने देश को शीर्ष पर पहुंचाया है।
टेबल टेनिस, निशानेबाजी , डाइविंग, बैडमिंटन, जिम्नास्टिक और वेटलिफ्टिंग में दो तिहाई पदक महिला खिलाड़ियों ने जीते हैं। चीन ने इस बार 406 खिलाड़ियों को उतारा है। इसमें से 281 यानी 70 फीसदी खिलाड़ी महिलाएं हैं।