भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के सहयोगी स्टाफ में बड़े पैमाने पर फेरबदल की खबरें सामने आ रही हैं. ऑस्ट्रेलिया में इस साल की शुरुआत में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी हारने और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में जगह बनाने से चूकने के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने कड़ा कदम उठाया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीसीसीआई ने सहायक कोच अभिषेक नायर को उनके कार्यकाल के मात्र आठ महीने बाद ही हटा दिया है. इसके अलावा, फील्डिंग कोच टी. दिलीप और ट्रेनर सोहम देसाई को भी टीम से बाहर का रास्ता दिखाया गया है. दिलीप अपनी अनूठी पहल, जैसे फील्डिंग मेडल पुरस्कार, के लिए लोकप्रिय थे, जबकि देसाई पिछले तीन साल से टीम के साथ थे. बीसीसीआई ने अभी तक इस खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन जून में इंग्लैंड दौरे से पहले घोषणा होने की संभावना है.
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि बीसीसीआई ने एक नोटिस जारी कर कहा है कि तीन साल से अधिक समय से टीम के साथ जुड़े सहयोगी स्टाफ को हटाया जा सकता है. बीसीसीआई के एक सूत्र ने बताया, “नायर, दिलीप और सोहम को पिछले सप्ताह इस फैसले की जानकारी दे दी गई है. फिलहाल बोर्ड की ओर से कोई नया नियुक्ति नहीं की जाएगी.”
नए बदलावों के तहत, ट्रेनर सोहम देसाई की जगह स्पोर्ट्स साइंटिस्ट एड्रियन ले रॉक्स लेंगे. ले रॉक्स वर्तमान में पंजाब किंग्स के साथ जुड़े हैं और पहले कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ काम कर चुके हैं. 2000 के दशक की शुरुआत में भी वह भारतीय टीम के साथ काम कर चुके हैं. उनकी नियुक्ति का करार पूरा हो चुका है और वह आईपीएल 2025 के बाद भारतीय टीम से जुड़ेंगे.
पूर्व सौराष्ट्र बल्लेबाज सितांशु कोटक पहले से ही टीम के साथ हैं, जबकि रयान टेन डोशे अपनी भूमिका में बने रहेंगे.
ऑस्ट्रेलिया में मिली हार का असर
भारतीय टीम ने 2018-19 और 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया में शानदार प्रदर्शन करते हुए लगातार दो बार सीरीज जीती थी. इस बार भी पर्थ में पहले टेस्ट में बड़ी जीत के साथ भारत ने दौरे की शुरुआत की थी, जिससे लगातार तीसरी सीरीज जीत की उम्मीदें बढ़ गई थीं. हालांकि, एडिलेड में पिंक बॉल टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 10 विकेट से करारी शिकस्त दी. इसके बाद ब्रिस्बेन में मैच ड्रॉ रहा. मेलबर्न में चौथे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 184 रनों से हराया. अंतिम टेस्ट में सिडनी में छह विकेट की हार के साथ भारत ने न केवल ट्रॉफी गंवाई, बल्कि विदेशी टेस्ट दौरों की पुरानी कमजोरियां भी फिर से उजागर हो गईं.
बीसीसीआई के इस फैसले को भारतीय क्रिकेट में नई दिशा देने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. अब सभी की नजरें इंग्लैंड दौरे पर हैं, जहां भारतीय टीम पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलेगी.