लखनऊ कम होते कोरोना मामलों के बीच यूपी में आज से कक्षा 9 से 12वीं तक के माध्यमिक स्कूल खुल गए हैं। स्कूल में छात्रों और पूरे स्टाफ को कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना होगा।
स्कूलों में पढ़ाई दो पालियों में होगी। पैरंट्स की लिखित इजाजत के बाद ही स्टूडेंट्स स्कूल आ सकेंगे। योगी सरकार ने 16 अगस्त से 9 से 12वीं तक के स्कूल खोलने का फैसला लिया था।
दो पालियों में 50-50 फीसदी स्टूडेंट्स बुलाए जाएंगे ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का सही से पालन हो सके। पहली पाली सुबह 8 से 12 बजे तक और दूसरी पाली 12.30 से शाम 4.30 बजे तक चलेगी।
इसके अलावा स्कूलों में हैंड सैनिटाइजर, मास्क, पल्स ऑक्सिमीटर और थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था कराई जाएगी। फिलहाल सोमवार से शुक्रवार तक हफ्ते में पांच दिन ही क्लास लगेंगी।
साथ ही यह फैसला लिया गया है कि स्कूलों में असेंबली नहीं होगी और इंटरवल के दौरान भी क्लास में लंच करना होगा। लखनऊ के सीएमएस स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया, ‘हमारे स्टाफ और शिक्षकों का वैक्सीनेशन हो गया है।
दो शिफ्ट में बच्चे आ रहे हैं। दोनों शिफ्ट के बीच में 45 मिनट सैनिटाइजेशन के लिए हैं।’ मुरादाबाद में एक स्कूल टीचर ने बताया, ‘सुबह 8 से 12 बजे तक पहली शिफ्ट में आधे बच्चे आएंगे, दूसरी शिफ्ट में 12:30 से 4:30 बजे बाकी आधे बच्चे आएंगे।
‘ नोएडा में आज से यूपी बोर्ड और सीबीएसई के स्कूल खुल गए हैं। 50 फीसदी छात्रों को ही स्कूल में बुलाने के लिए गाइडलाइंस आई है।
जानकारी के मुताबिक, शासनादेश आने के बाद से शहर के स्कूलों में 9-12वीं कक्षा तक के छात्रों की पढ़ाई के लिए तैयारी शुरू हो गई थी।
सेक्टर-30 स्थित डीपीएस ने बताया, ‘अभी प्रैक्टिकल देने वाले छात्रों को हम स्कूल बुलाएंगे। इसके आगे देखते हैं पैरंट्स अपने बच्चों को भेजने के लिए कितना तैयार होते हैं।
‘ डीआईओ धर्मवीर सिंह का कहना है कि यूपी बोर्ड के स्कूलों से हमें 61 प्रतिशत पैरंट्स की सहमति मिली है। कई स्कूलों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों क्लास के लिए व्यवस्था की है।
गाजियाबाद में भी सरकार के आदेशानुसार, कक्षा 9 से लेकर 12 तक के स्कूल खुल गए हैं। इसमें सरकारी और प्राइवेट स्कूल दोनों शामिल हैं। इसके चलते रविवार को स्कूलों में साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन का काम चलता रहा।
लेकिन अब भी पैरंट्स बच्चों को स्कूल भेजने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं दिख रहे। स्कूल प्रबंधन लगातार स्टूडेंट्स और पैरंट्स की काउंसलिंग कर रहे हैं कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूल पूरी तरह से तैयार है।
ऑल स्कूल पैरंट्स असोसिएशन से महासचिव सचिन सोनी का कहना है कि हमारी असोसिएशन से जुड़े अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं।
क्योंकि सभी यह चाहते हैं कि पहले गाजियाबाद का 100 प्रतिशत टीकाकरण हो जाए, इसके बाद स्कूल खोले जाएं। जिससे किसी को कोई परेशानी ना हो और ना ही स्वास्थ्य संबंधी खतरा रहे।