नई दिल्ली । अफगानिस्तान में तालिबान राज आने के बाद से अफगानियों की जिंदगी बदतर होती जा रही है। तालिबानी हुकूमत का अफगानियों पर इतना सख्त पहरा है कि वे अपनी मर्जी से देश भी नहीं छोड़ सकते।
काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद बहुत से अफगानी देश छोड़कर जा चुके हैं, मगर अब तालिबान ने साफ-साफ चेताया है कि वह अब किसी भी अफगानी को देश छोड़ने नहीं देगा।
तालिबान ने कहा है कि वह अफगान नागरिकों को काबुल एयरपोर्ट की यात्रा करने से रोकेंगे, ताकि कोई अफगानी निकासी (इवैकुएशन) विमानों पर सवार होकर विदेश न चला जाए।
संबोधित करते हुए तालिबान के प्रवक्ता जबिउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि अब हम किसी भी अफघानी नागरिकों को देश से बाहर नहीं जाने देंगे।
यह रोक सिर्फ अफगान नागरिकों पर है। विदेशी नागरिक एयरपोर्ट की तरफ जाना जारी रख सकते हैं और स्वदेश लौट सकते हैं। सीएनएन ने मुजाहिद के हवाले से कहा कि एयरपोर्ट जाने वाले रास्ते को ब्लॉक कर दिया गया है।
एयरपोर्ट तक जाने के लिए अफगान उस सड़क से नहीं जा सकते, मगर विदेशी नागरिकों को उस सड़क को हवाई अड्डे तक ले जाने की अनुमति है। तालिबान से प्रतिशोध का सामना नहीं करना पड़ेगा।
काबुल में तालिबानी कब्जे और अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से ही काबुल एयरपोर्ट पर लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है। बता दें कि तालिबान कई बार यह दोहरा चुका है कि वह किसी से भी बदला नहीं लेगा।
इस बीच तालिबान ने कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका को अपनी निकासी पूरी करनी चाहिए और 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से हट जाना चाहिए।
धमकी भरे लहजे में तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि उनका समूह समय सीमा बढ़ाए जाने की बात नहीं स्वीकार करेगा और उसके बाद अफगानों को विमानों से निकासी की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मुजाहिद ने कहा कि निर्धारित समय के बाद हवाई अड्डे की सुरक्षा तालिबान अपने हाथ में ले लेगा। हालांकि उसने कहा कि अब तक स्पष्ट नहीं है कि काबुल से कब तक वाणिज्यिक उड़ानें बहाल होंगी।
इस बीच व्हाइट हाउस ने बताया कि गत 24 घंटे के दौरान 21,600 लोग अफगानिस्तान से बाहर आए हैं। मुजाहिद ने कहा कि उन्हें तालिबान और ‘सीआईए के बीच किसी भी बैठक की ‘जानकारी नहीं है। हालांकि मुजाहिद ने इस तरह की बैठक से इनकार नहीं किया।