पांच बरस पहले साल 209 में नरेंद्र मोदी को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए लामबंदी की कोशिश करने वाले चंद्रबाबू नायडू और साल 2023-24 यही कोशिश करते नीतीश कुमार नजर आये थे. अब संयोग इस तरह से ये दोनों NDA के साथी हैं. आज नीतीश, नायडू सत्ता की संजीवनी बन गये है.आज ही दिल्ली में NDA की बैठक हो रही है जिसमें ये दोनों शामिल हो रहे हैं.
बता दें लोकसभा चुनाव 2024 में जेडीयू के पास केवल 12 सीटें हैं और चंद्रबाबू नायडू के पास 16 सीटें हैं. खासकर नीतीश कुमार का नंबर 2019 के मुकाबले चार सीटें कम है.
वैसे इन दोनों ने NDA का साथ देने की बात की है. पर राजनीति में सब कुछ संभव है. जैसा के सोशल मीडिया पर इन दोंनों के INDIA का साथ देकर सरकार बनाने की बातें भी कही जा रही हैं.
कल मंगलवार शाम 5.35 बजे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली के पार्टी दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. बहन प्रियंका के साथ वे मुस्कुराते हुए पार्टी ऑफिस पहुंचे. उनके साथ मां सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और जयराम रमेश भी थे.
राहुल ने मीडिया से लोकसभा के रिजल्ट और रुझान को लेकर कहा- देश मोदी-शाह को नहीं चाहता. ये लड़ाई संविधान को बचाने की थी. मैं सच बताऊं तो मेरे माइंड में था कि जब हमारा अकाउंट सीज किया गया. दो-दो मुख्यमंत्रियों को जेल में डाला गया. तब मेरे जेहन में था कि जनता संविधान बचाने के लिए लड़ेगी.
भारत की जनता ने संविधान और लोकतंत्र को बचा लिया है. देश की वंचित और गरीब आबादी अपने अधिकारों की रक्षा के लिए INDIA के साथ खड़ी हो गयी.
राहुल ने इस सवाल पर कि क्या वे विपक्ष में रहेंगे या सरकार बनाएंगे? कहा कि हम INDIA गठबंधन का हिस्सा हैं. 5 जून को INDIA की बैठक में फैसला लेंगे. क्या जेडीयू और टीडीपी को गठबंधन में लाने की तैयारी है ? राहुल ने कहा, हम इंडिया गठबंधन के पार्टनर के साथ मीटिंग करेंगे, उसमें आगे का फैसला लेंगे. उनसे बात किए बिना फैसला नहीं लेंगे.
बहरहाल, जब इस आम चुनाव में NDA को 292 सीटों पर जीत मिली है, विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ ने 234 सीटें जीतीं हैं. इससे यह साफ है कि इस बार NDA के सामने एक मजबूत विपक्ष है.