कोलकाता| बंगाल में तो खेला हो गया। त्रिपुरा और असम में खेल शुरू कर दिया गया। अब तृणमूल की सियासत का अगला मंच गोवा और मेघालय बन सकता है। इसे लेकर राजनीतिक सुगबुगाहट होने लगी है। हो भी क्यों न टीम पीके के सदस्य गोवा की जमीन पर उतर चुके हैं। दूसरी तरफ मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके मुकुल माग्मा वहां की राजनीति के जाने-माने चेहरा हैं जिनकी हाल ही में अभिषेक बंद्योपाध्याय के साथ मुलाकात हुई है।
अब जब तृणमूल राष्ट्रीय राजनीति में उतर आयी है तो लाजमी है आगामी दिनों में जहां-जहां विधानसभा चुनाव करीब हैं वहां पार्टी अपने पैर पसारेगी ही। इसी कड़ी में तृणमूल अब गोवा और मेघालय की तरफ सियासी धमाल मचाने की तैयारी कर रही है।
गोवा की राजनीतिक जमीनी हकीकत कैसी है, उसका पता लगाने के लिए प्रशांत किशोर की टीम वहां पिछले कुछ दिनों से पहुंची है। सूत्रों की माने तो आंकड़ों से खेलने वाली टीम पीके इस राज्य में भी इसी तर्ज पर तृणमूल के लिए तैयारी करेगी, उसके लिए खुद इनकी टीम तैयार हो रही है। दूसरी तरफ पार्टी सूत्रों की माने तो जल्द तृणमूल के वरिष्ठ नेताओं का प्रतिनिधिमंडल गोवा जाएगा जहां वह अपनी जमीन मजबूत करने की नींव डालेंगे। सूत्रों की माने तो टीम पीके गोवा में विभिन्न वर्गों से जुड़े लोगों से मुलाकात भी शुरू कर दी है। हालांकि गोवा में तृणमूल ने 2012 में पहले भी भाग्य आजमाया था।
पार्टी सूत्रों की माने तो तृणमूल अपने संगठन का विस्तार अब मेघालय में भी करने वाली है। हाल ही में वहां के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल माग्मा ने अभिषेक के साथ बैठक की। मुकुल मेघालय की राजनीति में नामचीन चेहरा हैं। दोनों की मुलाकात को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं। चर्चा है कि वह जल्द तृणमूल में शामिल हो सकते हैं जो पार्टी के लिए मेघालय में विस्तार की स्थिति का अच्छा संकेत माना जा रहा है। अगले साल वहां भी चुनाव होने वाले हैं