नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यूएनएससी की समुद्री सुरक्षा पर एक ओपन डिबेट की डिजिटल माध्यम से अध्यक्षता करेंगे। इस परिचर्चा का विषय ‘समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता’ है।
पीएमओ के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली परिचर्चा की अध्यक्षता करने वाले नरेंद्र मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे।
इस परिचर्चा में समुद्री अपराध और असुरक्षा का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने तथा समुद्री क्षेत्र में समन्वय को मजबूत करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यूएनएससी की समुद्री सुरक्षा पर एक ओपन डिबेट की डिजिटल माध्यम से अध्यक्षता करेंगे।
इस परिचर्चा का विषय ‘समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता’ है। पीएमओ के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली परिचर्चा की अध्यक्षता करने वाले नरेंद्र मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे।
इस परिचर्चा में समुद्री अपराध और असुरक्षा का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने तथा समुद्री क्षेत्र में समन्वय को मजबूत करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
एस के मुताबिक समुद्री सुरक्षा का व्यापक दृष्टिकोण, वैध समुद्री गतिविधियों की रक्षा और समर्थन करने में सक्षम होगा, साथ ही इसके माध्यम से समुद्री क्षेत्र में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक खतरों का मुकाबला भी किया जा सकेगा।
पीएमओ ने कहा कि सिंधु घाटी सभ्यता के समय से ही महासागरों ने भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पीएमओ ने कहा, ‘हमारी सभ्यता पर आधारित लोकनीति, समुद्र को साझा शांति और समृद्धि के प्रवर्तक के रूप में देखती है।
इसे ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में ‘सागर एसएजीएआर-क्षेत्र में सभी की सुरक्षा और विकास के दृष्टिकोण को सामने रखा। यह दृष्टि, महासागरों के सतत उपयोग के लिए सहकारी उपायों पर केंद्रित है और सुरक्षित तथा स्थिर समुद्री क्षेत्र के लिए एक रूपरेखा प्रदान करती है।
पीएमओ के मुताबिक 2019 में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारत प्रशांत समुद्री पहल (आईपीओआई) के माध्यम से इस विचार को और विस्तार दिया गया था। बता दें कि भारत इस साल अगस्त महीने के लिए यूएनएससी की अध्यक्षता कर रहा है।
एक अगस्त से भारत ने यह जिम्मेदारी संभाल भी ली है। यूएनएससी में केवल पांच स्थायी सदस्य अमेरिका, चीन ब्रिटेन, रूस और फ्रांस है। वर्तमान में भारत दो साल के लिए सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है।