दरअसल, गत शुक्रवार को अमित शाह बंगाल आए थे और बीरभूम में जनसभा की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि 2025 से पहले पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार गिर जाएगी। ममता दीदी जितनी भी कोशिश कर लें, उनके भतीजे मुख्यमंत्री नहीं होंगे। अमित शाह ने यह भी कहा था कि बंगाल का अगला मुख्यमंत्री भाजपा का ही कोई होगा।
इसी को लेकर ममता ने कहा कि अमित शाह का यह बयान संविधान की मूल धारणा के विपरीत है। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने बंगाल में लोकसभा की 35 सीटें जीतने का दावा किया और उसके बाद ही सरकार गिराने की बात की। यह संवैधानिक मर्यादा का उल्लंघन है। गृह मंत्री के तौर पर देश की रक्षा भूल कर वह षड्यंत्र रच रहे हैं। किस कानून के मुताबिक केंद्रीय गृहमंत्री ने सरकार गिराने की बाद कही है? क्या संविधान में किसी तरह का बदलाव कर रहे हैं?
ममता ने यूपी में अतीक-अशरफ हत्याकांड पर कहा कि मैं क्राइम का समर्थन नहीं करती हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए एनकाउंटर आम बात हो गई है। लोगों को इन मुठभेड़ों का विरोध करना चाहिए। देश में ये क्या चल रहा है जिसको चाहो मार दो, जिसको चाहो काट दो? जिसको चाहो ठोक दो? जिस पर चाहो एजेंसी लगा दो, CBI-ED लगा दो। अगर बंगाल में चॉकलेट बम भी फटता है तो NIA को भेज देते हैं। दो इंजन वाली भाजपा सरकार दोहरे मापदंड रखती है।