भुवनेश्वरः ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार ओडिशा को पर्यटकों के वैश्विक आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। पटनायक ने जाजपुर में वर्चुअली अंतर्राष्ट्रीय शिल्प शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि राज्य सरकार ओडिशा को पर्यटकों के वैश्विक आकर्षण के केंद्र के रूप में विकसित करने, आजीविका और रोजगार के अवसर प्रदान करने और राज्य को निवेशकों के लिए आकर्षक बनाने के लिए ठोस प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने पर्यटन, हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र के समग्र विकास के लिए तंत्र विकसित कर रहे हैं। हमने राज्य पर्यटन नीति, हस्तकला नीति, परिधान और तकनीकी वस्त्र नीति जैसी विभिन्न नीतियां बनाई हैं।
उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न स्थानों पर कला दीर्घाएं भी खोल रही है, हेरिटेज वॉक आयोजित कर रही है और कई अन्य पहल कर रही है।
यह बताते हुए कि यह ओडिशा के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है, पटनायक ने कहा कि जाजपुर ओडिशा की प्राचीन राजधानी थी। धार्मिक पर्यटन, शहरी पर्यटन और बौद्ध पर्यटन की अपनी मौजूदा संपत्ति के साथ, इसमें एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बनने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि जाजपुर की सांस्कृतिक विरासत इसके जीवंत कला रूपों में परिलक्षित होती है।
राज्य के सांस्कृतिक वैभव पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडिशा बेदाग कला और शिल्प की एक शानदार भूमि है। इसकी सभ्यता यात्रा कलात्मक संस्कृति की यात्रा है।
उन्होंने कह कि हमारे शिल्पकारों के कलात्मक कौशल कई तरीकों से परिलक्षित होते हैं। आप इसे हमारे मंदिरों, हमारी मूर्तियों, बौद्ध मंदिरों, हाथ से बुने हुए कपड़े, पट्टा पेंटिंग, लकड़ी के काम, धातु के काम … हर जगह पा सकते हैं। हर गांव, हर गली ओडिशा कला या शिल्प के किसी न किसी रूप को प्रदर्शित करता है। ओडिशा की आत्मा हमारी कला, शिल्प, संगीत और संस्कृति में बसती है।
स्थानीय कारीगरों और अन्य हितधारकों के साथ जुड़ने के लिए 15 देशों के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि जाजपुर पहुंचे हैं। राज्य सरकार की ओर से इस महत्वाकांक्षी और भविष्योन्मुखी आयोजन को साकार करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की चार एजेंसियों और पांच यूनेस्को रचनात्मक शहरों ने जाजपुर जिले के साथ भागीदारी की है।