रायपुर| छत्तीसगढ़ में आज जगह-जगह बस्तर की झीरम घाटी में 25 मई 2013 को हुए नक्सली घटना में राज्य कांग्रेस के दिवंगत शीर्ष नेताओं को याद किया गया| कांग्रेस भवन में सहित अन्य जगहों पर कई कार्यक्रम आयोजित कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई| कांग्रेस के नेता घटना स्थल पर भी पहुंचे और शहीदी स्थली पर बने स्मारक में पुष्प अर्पित किया गया| नेताओं ने अपने शहीद साथियो को याद करते हुये हमले की जांच कराने की मांग की|
इस मौके पर बस्तर विश्वविद्यालय और जगदलपुर के डिमरापाल स्थित स्वर्गीय बलिराम कश्यप स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से सम्बद्व अस्पताल का नामकरण शहीद महेन्द्र कर्मा के नाम पर किया गया।
नेताओं ने हमले की जांच पर सवाल उठाते कहा कि घटना को 8 वर्ष बीत गये पर अब तक जांच नहीं हो पाया एनआईए के पास सारे सबूत मौजूद है राज्य सरकार मदद को भी तैयार है पर केंद्र सरकार जाँच को आगे नहीं बढ़ा रही है|
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि झीरम के सभी बेगुनाह शहीदों और घायलों को न्याय ज़रूर मिलेगा, जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, छत्तीसगढ़ सरकार चैन से नहीं बैठेगी। झीरम के शहीदों को न्याय दिलवाने के लिये हम कृतसंकल्पित हैं और हम इसके लिये अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। चाहे इसमें कितनी ही बाधायें आएं, छत्तीसगढ़ सरकार झीरम घाटी मामले की तह तक ज़रूर जायेगी। मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में ‘झीरम श्रद्धांजलि दिवस‘ के अवसर पर झीरम घाटी में 25 मई 2013 को हुए नक्सल हमले में शहीद नेताओं और जवानों को नमन करते हुए उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। बघेल ने शहीदों के चित्र पर माल्यार्पण कर दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। मुख्यमंत्री बघेल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दंतेवाड़ा और जगदलपुर में शहीद महेंद्र कर्मा की प्रतिमा के अनावरण के कार्यक्रम में शामिल हुए।
वहीँ महेंद्र कर्मा के गृह जिले दंतेवाड़ा में गायत्री चौक पर महेंद्र कर्मा का विशाल प्रतिमा का अनावरण किया गया| प्रदेश के मंत्री कवासी लखमा,महेंद्र कर्मा की धर्मपत्नी और विधायक देवती कर्मा और अन्य नेताओं की मौजूदगी में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्चुअल लोकार्पण किया|
इस मौके पर दंतेवाड़ा के नेतों सहित आम नागरिकों ने स्व:कर्मा को याद करते हुये उन्हें श्रदांजलि अर्पित की|
8 साल पहले यानी 25 मई, 2013 को कांग्रेस की एक राजनीतिक रैली पर माओवादी हमला हुआ था| इस हमले में पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ला, प्रदेश के पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद महेंद्र कर्मा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल और पूर्व विधायक उदय मुदलियार सहित कुल 32 लोग मारे गए थे|
देश के सबसे बड़े आंतरिक हमलों में से एक झीरम हत्या कांड था| छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में 8 साल पहले हुई इस नक्सल घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया था|
25 मई 2013 की शाम को हुए इस हमले में 32 लोग अपनी जान गंवा बैठे थे| हमले में जान गंवाने वाले ज्यादातर छत्तीसगढ़ कांग्रेस के शीर्ष नेता थे, जिनकी स्मृतियां ही आज हम सब के बीच बाकी रह गई हैं|
यह देश का दूसरा सबसे बड़ा माओवादी हमला था| यह हमला बस्तर जिले के दरभा इलाके के झीरम घाटी में कांग्रेस के परिवर्तन यात्रा पर हुआ था|
सोशल मिडिया पर मीडियाकर्मी भी कर्म से जुड़े पोस्ट साझा कर रहे है _