पटना। बिहार में बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन टूटने के बाद नई सरकार बनने का रास्ता साफ हो चुका है। मंगलवार की शाम नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी। इस मौके पर तेजस्वी यादव भी उनके साथ राजभवन में मौजूद थे।
सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद नीतीश और तेजस्वी ने राजभवन में ही प्रेस कॉन्फ्रेंस की। नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल को 7 पार्टियों के 184 विधायकों के समर्थन का पत्र दिया है। अब राज्यपाल के ऊपर है कि वे सरकार बनाने का न्योता कब देते हैं। इसके बाद तेजस्वी बोले और भाजपा पर खूब बरसे। तेजस्वी ने कहा- भाजपा का कोई गठबंधन सहयोगी नहीं है, इतिहास बताता है कि भाजपा उन दलों को नष्ट कर देती है जिनके साथ वह गठबंधन करती है। हमने देखा कि पंजाब और महाराष्ट्र में क्या हुआ।
सीएम नीतीश कुमार ने मंगलवार शाम 4 बजे राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफा सौंपा था। उस समय नीतीश ने 160 विधायकों के समर्थन की बात कहते हुए सरकार बनाने का दावा पेश किया था। इसके बाद वे राबड़ी देवी के आवास पहुंचे, जहां उन्हें महागठबंधन का नेता चुना गया। यहां जीतन राम मांझी की पार्टी HAM भी नीतीश के साथ आ गई। उसके पास 4 विधायक हैं। इसके बाद नीतीश और तेजस्वी एक बार फिर राज्यपाल से मिले।
बिहार में महागठबंधन की सरकार बनना तय, नीतीश ही होंगे सीएमः शकील अहमद
बिहार में पिछले कई घंटे से सियासी माहौल बेहद गर्म है। सभी की निगाहें सीएम नीतीश कुमार पर टीकी हुई है। इसी बीच कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनना तय हो गयी है। इस महागठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि सब कुछ तय हो गया है। तेजस्वी यादव की भूमिका तय होगी। उन्होंने आगे कहा कि बिहार से हमेशा बदलाव की शुरुआत हुई है।
जेडीयू की बैठक सीएम आवास में हो रही है जिसमें जेडीयू के विधायक और सांसद मौजूद है। जेडीयू के विधायकों की बैठक आरसीपी सिंह के पार्टी से बाहर निकलने के नतीजों पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। बिहार की राजनीति के लिहाज से इसे काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
वहीं जेडीयू के सांसद कौशलेंद्र ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड को तोड़ने की कोशिश की गई थी। पार्टी को तोड़ने वाले लोग सफल नहीं हुए। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जेडीयू को तोड़नी की कोशिश की गई है। जेडीयू के कुछ विधायक और सासंद को मंत्री बनाने का ऑफर दिया गया हैं। विधायकों के पास फोन कॉल का ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद है।