नई दिल्ली: बिहार में 2025 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी चुनावी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. वर्तमान में, राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार है, जिसका नेतृत्व जनता दल (यूनाइटेड) प्रमुख नीतीश कुमार कर रहे हैं. 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में एनडीए के पास 138 सीटें हैं, जिनमें से बीजेपी अकेले 84 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है.
दिल्ली चुनाव से मिले अनुभव का इस्तेमाल
बीजेपी अपने हालिया दिल्ली चुनाव अभियान के अनुभव से सीख लेते हुए बिहार में जमीनी स्तर पर जुड़ाव बढ़ाने की रणनीति बना रही है. पार्टी के शीर्ष नेता जल्द ही राज्य के विभिन्न इलाकों में प्रवास कर मतदाताओं से सीधा संवाद करेंगे.
गांवों और झुग्गी इलाकों में रात्रि प्रवास की योजना
बीजेपी के नेता अगले एक महीने में बिहार के कोने-कोने में जाएंगे और लोगों से जुड़ने के लिए गांवों और झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों में रात्रि प्रवास करेंगे. पार्टी का मानना है कि इस रणनीति से वे मतदाताओं की समस्याओं को समझकर उनके लिए प्रभावी समाधान प्रदान कर सकेंगे.
जातिगत समीकरणों पर विशेष ध्यान
बिहार की राजनीति में जातिगत समीकरण अहम भूमिका निभाते हैं और बीजेपी इस पर विशेष ध्यान दे रही है. पार्टी सभी वर्गों और समुदायों तक अपनी पहुंच बनाकर एनडीए के लिए समर्थन मजबूत करने की योजना बना रही है. सामाजिक समरसता को ध्यान में रखते हुए पार्टी विभिन्न जातिगत समूहों को साधने की कोशिश करेगी.
बड़े स्तर पर प्रचार अभियान
चुनावी अभियान के तहत केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक और देशभर के अन्य पदाधिकारी बिहार में सक्रिय होंगे. बीजेपी ने चुनावी रणनीति के तहत विभिन्न राज्यों से नेताओं की तैनाती सुनिश्चित की है ताकि भौगोलिक, जातीय और भाषाई आधार पर प्रभावी नेतृत्व को उतारा जा सके.
नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव, सीएम पर फैसला बाद में
सूत्रों के अनुसार, एनडीए आगामी चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेगा, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर अंतिम फैसला चुनाव परिणामों के बाद लिया जाएगा. एनडीए के नेता नीतीश कुमार से चर्चा के बाद ही इस पर निर्णय करेंगे.
जनता से सुझाव लेकर नीति निर्माण
बीजेपी केवल प्रचार तक सीमित न रहकर जनता से सुझाव लेकर नीति निर्माण की रणनीति अपना रही है. पार्टी का लक्ष्य दो-तरफा संवाद स्थापित करना है, जिसमें जनता की समस्याओं को सुनकर उन्हें हल करने के उपाय निकाले जाएंगे. यह रणनीति दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावों में काफी सफल रही है.
मोदी सरकार और राज्य सरकार की उपलब्धियों पर जोर
बीजेपी के नेता मतदाताओं को मोदी सरकार और नीतीश कुमार सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों की जानकारी देंगे. साथ ही, बिहार के हालिया बजट में की गई घोषणाओं को भी जनता के सामने रखा जाएगा.
बिहार के विकास के लिए नई योजनाएं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट में बिहार के लिए कई परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है. इनमें बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य और जनकल्याण से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं. इसके अलावा, लंबे समय से लंबित ‘मखाना बोर्ड’ के गठन की मांग को भी इस बजट में मंजूरी दी गई है.
बीजेपी चुनाव से पहले कई सर्वेक्षण कराने जा रही है, जिसके आधार पर प्रत्याशियों का चयन और सीटों का बंटवारा किया जाएगा. संभावना है कि बीजेपी करीब 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि जेडीयू को 90-95 सीटें दी जा सकती हैं. शेष सीटें अन्य सहयोगी दलों के बीच वितरित की जाएंगी. एनडीए के अन्य सहयोगियों में चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), जीतन राम मांझी की हम पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी शामिल हैं. सीट बंटवारे का अंतिम निर्णय सर्वे रिपोर्ट और उम्मीदवारों की जीत की संभावना के आधार पर किया जाएगा.
बीजेपी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर पूरी तरह सक्रिय हो गई है. पार्टी जमीनी स्तर पर जनसंपर्क बढ़ाने, जातीय समीकरणों को साधने और विकास कार्यों को केंद्र में रखकर चुनावी रणनीति बना रही है.