भुवनेश्वर|ओडिशा सर कार ने शुक्रवार को ओडिशा प्रशासनिक सेवा (OAS) से संबंधित तीन अफसरों सहित 8 और अफसरों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश दिया। राज्य ने अब तक 130 सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप और अक्षमता पर कार्रवाई की है।
ओडिशा सरकार ने भ्रष्ट और अक्षम अधिकारियों पर एक बड़ा फैसला लिया | तीन OAS अधिकारियों के नाम राम चंद्र जेना, गौरांग चरण मोहंती और अल्फोंस बिलुंग हैं।
पूर्व तहसीलदार और निमापारा के प्रभारी उप पंजीयक रामचंद्र जेना भ्रष्टाचार के तीन मामलों का सामना कर रहे हैं। विजिलेंस ने हाल ही में उनके पास से कई पैन कार्ड और करीब 5 लाख रुपये जब्त किए हैं। तब से वह निलंबित चल रहे थे।
जगतसिंहपुर के पूर्व डिप्टी कलेक्टर गौरंगा चरण मोहंती पर सरकारी धन के दुरुपयोग और सरकारी योजनाओं के आवंटन में अनियमितता से संबंधित सात विजिलेंस मामलों का सामना करना पड़ रहा है।
इसी तरह सुंदरगढ़ जिले के लाठीकाटा के पूर्व तहसीलदार और बरगढ़ जिले के अंबाभोना के वर्तमान bdo अल्फोंस बिलुंग पर भूमि परिवर्तन और राजस्व कलेक्शन के मामले में अनुचित पक्ष दिखाने का आरोप है। उनके खिलाफ विजिलेंस के तीन मामले लंबित हैं।
ओडिशा सरकार ने बिधान चंद्र साहू, पूर्व अधीक्षण अभियंता, मीना पात्रा और पुष्पंजलि रथ, पूर्व बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ), अजीत कुमार महापात्र, प्रभारी अधीक्षक और पूर्व कैशियर, प्रभाकर प्रधान को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है। सीएमओ ने कहा कि ये अधिकारी विजिलेंस मामलों का सामना कर रहे हैं।