रांची | झारखंड पुलिस के सामने आज 25 फ़रवरी शुक्रवार को 22 लाख के इनामी नक्सली विमल यादव उर्फ राधेश्याम यादव ने आत्मसमर्पण कर दिया | वह नक्सलियों की सर्वोच्च कमेटी का अहम सदस्य था | उस पर छत्तीसगढ़ में भी कई मामले दर्ज हैं। उसकी निशानदेही पर लोहरदगा में पुलिस ने नक्सलियों के 20 अत्याधुनिक हथियार बरामद किये।
22 लाख के इनामी विमल यादव के आत्मसमर्पण के मौके पर मौजूद रहे झारखंड पुलिस के आईजी अभियान एवी होमकर ने इसे पुलिस के लिए बड़ी सफलता बताया है। उन्होंने कहा कि विमल यादव माओवादी नक्सलियों की सर्वोच्च कमेटी (सैक) का अहम सदस्य रहा है। झारखंड सरकार की सरेंडर पॉलिसी से प्रभावित होकर वह मुख्यधारा में शामिल हुआ है।
बिहार के जहानाबाद जिले के करौना थाना क्षेत्र के सलेमपुर निवासी विमल यादव पिछले 10 वर्षों से भी ज्यादा समय से झारखंड में था। वह झारखंड में नक्सलियों के सबसे बड़े गढ़ बूढ़ापहाड़ का इंचार्ज भी था।
करीब 30 वर्षों से माओवादी संगठन से जुड़े विमल पर बिहार-झारखंड में दो दर्जन से भी अधिक वारदातों का नामजद अभियुक्त है। वह इन दोनों राज्यों में एक सौ से भी ज्यादा नक्सली वारदातों में शामिल रहा है। छत्तीसगढ़ में भी उस पर कई मामले दर्ज हैं।
इसलिए छोड़ा संगठन
विमल यादव संगठन में हो रहे भेदभाव की वजह से नाराज चल रहा था। भाकपा माओवादियों के बिहार में कार्यरत सेंट्रल कमेटी मेंबर प्रमोद मिश्रा, मिथिलेश महतो की गतिविधियां सीमावर्ती इलाकों में रही हैं। मिथिलेश के बूढ़ा पहाड़ आने के बाद से विमल यादव के दस्ते के साथ भेदभाव किया जा रहा था। इसी वजह से नाराज विमल यादव संगठन से खुद को अलग करने का फैसला किया।
आत्मसमर्पण करने का उसने मीडिया से कहा कि नक्सली संगठनों के पास कोई नीति नहीं बची है। उनका एकमात्र लक्ष्य अवैध वसूली करना है। उसने नक्सली संगठन से जुड़े लोगों से अपील की कि वे सिद्धांतहीन हो चुके संगठन से छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हों।
कूरियर ब्वॉय से सफर
नक्सल संगठन में सन 90 के दशक में कूरियर ब्वॉय से जुड़ने वाले विमल को वर्ष 2005 में सब जोनल कमांडर और 2009 में जोनल कमांडर का ओहदा दिया गया । सन 2012 में वह नक्सलियों की सबसे निर्णायक बॉडी एसएसी का सदस्य बन गया।
वर्ष 2019 में माओवादियों के सबसे बड़े नेता सुधाकरनकी मौत के बाद उसे प्लाटून का चार्ज सौंप दिया गया।
दूसरा बड़ा झटका
नक्सलियों को यह दूसरा बड़ा झटका बूढ़ा पहाड़ के इलाके में मिला है। इसके पहले जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक ने समर्पण किया था | महाराज प्रमाणिक, बैलून सरदार के साथ ही तकरीबन आधा दर्जन लोग माओवादी संगठन से अलग हुए थे।
निशानदेही पर बरामदगी
लोहरदगा में पुलिस ने नक्सलियों द्वारा जमीन के नीचे छिपाकर रखे गये एलएमजी, इंसास राइफल, सेमी ऑटोमेटिक राइफल, थ्री नॉट थ्री और थ्री फिफ्टीन राइफल सहित कुल 20 आधुनिक बरामद किये हैं।