नई दिल्ली: भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ते तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थाईलैंड में बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की. यह मुलाकात पिछले साल अगस्त में शेख हसीना सरकार के सत्ता से हटने के बाद दोनों नेताओं के बीच पहली बैठक थी. सूत्रों के मुताबिक, बांग्लादेश ने बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान यूनुस और मोदी के बीच यह मुलाकात तय करने की पहल की थी.
दोनों नेताओं ने मुलाकात से पहले गर्मजोशी से हाथ मिलाया और फिर द्विपक्षीय बातचीत के लिए बैठे. गुरुवार को बिम्सटेक नेताओं के रात्रिभोज में मोदी और यूनुस के पास-पास बैठने से इस मुलाकात की चर्चा शुरू हो गई थी. तनाव के बावजूद, दोनों नेता फोटो सेशन के दौरान मुस्कुराते नजर आए. इस दौरान यूनुस ने मोदी को 2015 में 102वें भारतीय विज्ञान सम्मेलन में स्वर्ण पदक देते हुए एक तस्वीर भी भेंट की.
हाल ही में बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस पर मोदी ने यूनुस को पत्र लिखकर आपसी संवेदनशीलता के महत्व पर जोर दिया था. यह मुलाकात ऐसे समय हुई है, जब कुछ दिन पहले यूनुस ने चीन दौरे पर भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति का जिक्र करते हुए विवाद खड़ा कर दिया था. यूनुस ने कहा था कि भारत के सात पूर्वोत्तर राज्य, जिन्हें ‘सात बहनें’ कहा जाता है, समुद्र से कटे हुए हैं और बांग्लादेश इस क्षेत्र के लिए हिंद महासागर का एकमात्र रास्ता है. उन्होंने चीन के प्रभाव को बढ़ाने की वकालत की, जिस पर असम के मुख्यमंत्री और विदेश मंत्रालय ने कड़ी आपत्ति जताई.
यूनुस के बयान और चीन को बांग्लादेश का नया साझेदार बताने की कोशिश ने भारत-बांग्लादेश संबंधों में और खटास डाल दी. शेख हसीना के कार्यकाल में दोनों देशों के रिश्ते बेहद मजबूत थे, लेकिन उनकी सत्ता से बेदखली और भारत द्वारा उन्हें वापस न भेजने से तनाव बढ़ गया है. बांग्लादेश बार-बार हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है, जिसे भारत ने ठुकरा दिया है.
मोदी ने यूनुस के बयान पर सीधा जवाब तो नहीं दिया, लेकिन बिम्सटेक में भारत के पूर्वोत्तर को इस समूह का ‘दिल’ बताया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा कि पूर्वोत्तर अब कनेक्टिविटी का केंद्र बन रहा है और सहयोग एक संपूर्ण दृष्टिकोण है, जिसे चुनिंदा तरीके से नहीं देखा जा सकता.
दोनों देशों के बीच एक और बड़ा मुद्दा बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले, मंदिरों की तोड़फोड़ और कट्टरपंथियों द्वारा इस्कॉन जैसे संगठनों को निशाना बनाना रहा है. भारत सरकार ने संसद में बताया कि 5 अगस्त से अब तक बांग्लादेश में 23 हिंदुओं की हत्या हुई और कम से कम 152 हिंदू मंदिरों पर हमले हुए.