नई दिल्ली । असम के साथ चल रहे सीमा विवाद के बाद कोलासिब जिला प्रशासन ने कई इलाकों में ड्रोन उड़ाने पर पाबंदी लगा दी है। जिन इलाकों को ड्रोन्स के लिए नो फ्लाइंग घोषित किया गया है, उनमें वेरेंगते और एटलांग भी शामिल हैं। शुक्रवार को जारी इस आदेश में कोलासिब जिला प्रशासन ने साफ किया है कि सेना को भी यहां ड्रोन उड़ाने से पहले अनुमति लेनी होगी।
वहीं हालात की निगरानी के लिए सीमा पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की छह कंपनियां तैनात की गई हैं। रिपोर्टों के मुताबिक सीआरपीएफ बलों ने दोनों राज्यों के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 306 पर गश्त शुरू कर दी थी। वहीं असम-मिजोरम सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
असम की बराक घाटी के अधिकारियों ने कहा कि मिजोरम जाने वाली असम की सड़कों पर संगठित नाकेबंदी हटा दी गई है और अब ट्रकों तथा वाहनों को किसी समूह द्वारा रोका नहीं जा रहा है। असम और मिजोरम के बीच सीमा पर विवादास्पद वन क्षेत्र में सोमवार को हुई झड़प के बाद, बराक घाटी में कुछ समूहों ने मिजोरम की ओर जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया था, जिससे पड़ोसी राज्य के लोग नाराज थे।
अधिकारियों ने कहा कि संकटग्रस्त क्षेत्र में जाने से ट्रक चालक डर रहे हैं। ज्यादातर ट्रक चालकों ने मिजोरम के पास सीमा पर धोलाई गांव में अपने वाहन रोक रखे हैं। इस बीच असम पुलिस ने मिजोरम से राज्यसभा के इकलौते सदस्य के. वनलालवेना को अंतराज्यीय सीमा पर हुई हिंसा की साजिश में कथित संलिप्तता के बारे में पूछताछ के लिए एक अगस्त को बुलाया है।
असम पुलिस ने यह भी कहा कि वह सोमवार को सीमा पर हुई हिंसा को लेकर कथित रूप से भड़काऊ बयान देने के वाले वनलालवेना के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कर सकती है। उस हिंसा में पांच पुलिसकर्मियों और एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार दिल्ली आई असम पुलिस सीआईडी की एक टीम वनलालवेना को ढूंढने उनके आवास और मिजोरम सदन गई, लेकिन वह वहां नहीं मिले। सूत्रों ने कहा कि माना जा रहा है कि वनलालवेना टीम से बच रहे हैं। सांसद की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।