रांची| झारखंड के रांची में स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में तैनात पुलिसकर्मी और कैदी अगर कोरोना संक्रमित होते हैं, तो उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। उनका इलाज जेल में ही होगा। इसके लिए जेल में अस्थायी कोविड-19 सेंटर खोला जा रहा है। कोविड वार्ड बनाने की प्रक्रिया प्रांरभ कर दी गई है। इसके लिए जेल आईजी वीरेंद्र भूषण की ओर से सभी सेंट्रल जेल, मंडल कारा, उपकारा, ओपन जेल, महिला प्रोबेशन होम और कारा प्रशिक्षण संस्थान के अधीक्षकों को आदेश दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय भारत सरकार के आदेश के बाद जेल आईजी की ओर से सभी जेल अधीक्षकों को जेल में ही कोरोना संक्रमित होने वालों के लिए बचाव की पूरी व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। इस आदेश के साथ ही रांची जेल प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है।
रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल अधीक्षक हामिद अख्तर के अनुसार जेल के भीतर अस्थाई कोविड-19 अस्पताल बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। पर्याप्त मात्रा में बेड, ऑक्सीजन सहित कोरोना रक्षक सामग्रियों की व्यवस्था की जा चुकी है। इसके अलावा जेल परिसर स्थित अस्पताल में आइसोलेशन सेंटर भी तैयार कर लिया गया है। जहां हाल में संक्रमित निकले मरीजों (स्टाफ और कैदियों) का इलाज भी शुरू कर दिया गया है।
जेल आईजी के आदेश में जेल में कार्यरत कर्मियों की सुरक्षा पर विशेष जोर दिया गया है। कहा गया है कि वर्तमान में कोविड-19 का संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ गया है। जेलों में कार्यरत पदाधिकारी और कर्मियों की संख्या भी ज्यादा रहती है, जिन्हें सुरक्षित रहना अति आवश्यक है, क्योंकि उनके द्वारा कारा के अंदर बंदियों के बीच ड्यूटी की जाती है। किसी एक कर्मी के कोरोना संक्रमित हो जाने से सारा जेल इसकी चपेट में आ सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि कारा परिसर में किसी सामुदायिक भवन को स्थाई कोविड-19 अस्पताल बनाया जाए। जहां सामुदायिक भवन नहीं है, वहां किसी खाली आवास को स्वास्थ्य केंद्र बनाया जा सकता है। इस स्वास्थ्य केंद्र में कारा के चिकित्सक, प्रतिनियुक्त चिकित्सक, पारा मेडिकल स्टाफ द्वारा चिकित्सकीय कार्य किया जाएगा। इस अस्थाई कोविड-19 अस्पतालों में उपचार हेतु पर्याप्त मात्रा में बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, कोविड-19 से संबंधित दवाएं और कोरोना रक्षक अन्य सामग्रियों की व्यवस्था की जाए।