पहलगाम हमले पर भारत ने प्रमुख देशों के राजदूतों को दी जानकारी, पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति

पहलगाम हमले पर भारत ने प्रमुख देशों के राजदूतों को दी जानकारी, पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने की दिशा में तेजी से कदम उठाए हैं. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को चुनिंदा G20 देशों के राजदूतों को इस हमले की विस्तृत जानकारी दी, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी. इस हमले के लिए भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक सहयोगी समूह को जिम्मेदार ठहराया है.

कूटनीतिक पहल और वैश्विक समर्थन

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने नई दिल्ली में G20 देशों – जिसमें चीन, कनाडा, जर्मनी, जापान, पोलैंड, ब्रिटेन और रूस शामिल हैं – के राजदूतों के साथ करीब 30 मिनट की बैठक की. इस दौरान उन्हें पहलगाम हमले के “सीमा पार संबंधों” और इसके पीछे पाकिस्तान की भूमिका के बारे में बताया गया. भारत ने इस हमले को लोकसभा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के बाद शांति भंग करने की साजिश के रूप में पेश किया. सूत्रों के अनुसार, बैठक में भारत ने वैश्विक समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की.

भारत का संदेश: “यह हमला न केवल भारत के खिलाफ, बल्कि वैश्विक शांति और सुरक्षा के खिलाफ है. पाकिस्तान को इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.” – विदेश मंत्रालय

पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम

पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए. प्रधानमंत्री नर,ें,द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) की बैठक के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया, वाघा-अटारी सीमा को बंद कर दिया, और पाकिस्तानी राजनयिकों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित किया. इसके अलावा, पाकिस्तानी नागरिकों के सभी वीजा रद्द कर दिए गए और भारतीय नागरिकों को पाकिस्तान की यात्रा न करने की सलाह दी गई. इन कदमों का उद्देश्य पाकिस्तान पर कूटनीतिक और आर्थिक दबाव बढ़ाना है.

वैश्विक नेताओं का समर्थन

भारत की इस कूटनीतिक पहल को कई वैश्विक नेताओं का समर्थन मिला है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से बात कर हमले के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया. यूरोपीय संघ, जापान, कतर और अन्य देशों ने भी इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है. विशेष रूप से, पाकिस्तान के करीबी सहयोगी चीन को भी इस बैठक में शामिल किया गया, जो भारत की कूटनीतिक रणनीति संकेत देता है कि भारत वैश्विक मंच पर व्यापक समर्थन जुटाने में सफल रहा है.

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि उसका इस हमले से कोई संबंध नहीं है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने हमले में पर्यटकों की मौत पर “चिंता” जताई और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. हालांकि, पाकिस्तान ने भारत के कदमों का जवाब देते हुए शिमला समझौते को निलंबित कर दिया, भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया और वाघा सीमा को बंद कर दिया. पाकिस्तान ने इसे भारत की “आक्रामक नीतियों” का जवाब बताया है.

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