भुवनेश्वर। ओडिशा ट्रेन दुर्घटना में मृतकों के शवों की पहचान और शवों के कई दावेदारों की रिपोर्ट में भ्रम और चुनौतियों के बीच, ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने मंगलवार को कहा कि 205 शवों की पहचान कर ली गई है और उसे मृतकों के परिजनों को सौंप दिया गया है।
जेना ने कहा कि अभी तक 83 शवों की पहचान की जानी बाकी है और शिनाख्त में महत्वपूर्ण प्रगति कल तक होने की संभावना है। पत्रकारों से बात करते हुए ओडिशा के मुख्य सचिव ने मंगलवार को बताया कि बहानगा ट्रेन दुर्घटना में मरने वालों की संख्या अब 288 हो गई है जो बालेश्वर कलेक्टर द्वारा प्रस्तुत अंतिम रिपोर्ट पर आधारित है।
जेना ने कहा कि कल तक हमें बालेश्वर कलेक्टर के सत्यापन के आधार पर 275 मृतकों की पुष्टि हुई थी। कलेक्टर को निर्देश दिया गया है कि घटनास्थल, अस्पताल और अस्थायी स्थल से बरामद शवों और घायलों को भेजे गए जिलों के आंकड़ों का मिलान किया जाए। कलेक्टर ने आज अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंप दी है और मरने वालों की संख्या अब 288 है।
जेना के मुताबिक, बालेश्वर से 193 शवों को भुवनेश्वर लाया गया था। बालेश्वर जिले में ही 94 शवों की पहचान की गई और उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया गया और एक शव भद्रक जिले में सौंप दिया गया। उन्होंने बताया कि घायलों में से एक की हालत फिलहाल गंभीर है।
जेना ने कहा कि अब तक, 205 शवों की पहचान की गई है और जिला स्तर पर और भुवनेश्वर में परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया है। कुल 83 और शव पहचान के चरण में हैं। हमें टोल-फ्री नंबरों पर बहुत से प्रश्न प्राप्त हुए हैं और कल तक पहचान प्रक्रिया में महत्वपूर्ण प्रगति की जाएगी।
मुख्य सचिव ने आगे कहा कि डीएनए सैंपलिंग और इम्बैलमिंग की प्रक्रिया चल रही है। यह प्रक्रिया भविष्य में लावारिस शवों के मामले में मुद्दों को हल करने में सहायक होगी।
जेना ने कहा कि लेप लगाने की प्रक्रिया के साथ डीएनए सैंपलिंग की जा रही है। अगर कोई लावारिस शव है, तो डीएनए सैंपलिंग के आधार पर फैसला लिया जा सकता है।