नई दिल्ली । एयर इंडिया ने स्थाई एवं अनुबंध पर नियुक्त पायलटों की सेवाएं समाप्त करने का निर्णय रद्द करने तथा उन्हें बहाल करने के एकल न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ अब दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील दायर की है।
जस्टिस राजीव शकदर और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ के समक्ष यह मामला बुधवार को सुनवाई के लिए आया, लेकिन पीठ ने इसे एयर इंडिया के अधिवक्ता के आग्रह पर 24 अगस्त के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
मामले में एयर इंडिया की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अपीलों के दूसरे समूह पर अगले सप्ताह सुनवाई होनी है। अत: इन अपीलों पर भी सुनवाई उसी के साथ की जानी चाहिए।
एयर इंडिया ने एकल न्यायाधीश के एक जून के फैसले को चुनौती दी है जिसमें यह भी आदेश दिया गया था कि बहाल किए गए पायलटों को वेतन का भुगतान करना होगा।
उच्च न्यायालय ने कहा था कि भत्तों समेत, बेतन का पिछला बकाया सरकार के नियमानुसार भुगतान करना पड़ेगा जैसा कि सेवा में मौजूद पायलट पाते हैं।
इसने यह भी कहा था कि भविष्य में अनुबंधित पायलटों के अनुबंध का विस्तार उनके संतोषजनक प्रदर्शन को देखते हुए एयर इंडिया के विवेक पर होगा।
यह आदेश 40 से अधिक पयलटों की ओर से दाखिल याचिका पर अदालत ने दिया था । इन पायलटों की सेवाएं पिछले साल 13 अगस्त को एयर इंडिया ने समाप्त कर दी थी।
जिन पायलटों की सेवाएं समाप्त की गयी थी, उन्होंने पिछले साल जुलाई में अदालत में याचिका दायर कर एयर इंडिया को यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि वह उनके त्यागपत्र वापस लेने का आग्रह स्वीकार करे।
हालांकि, 13 अगस्त 2020 को एर इंडिया ने कई पायलटों को टर्मिनेशन पत्र जारी किया था, इसमे वे लोग भी शामिल थे जो अपना इस्तीफा वापस लेना चाहते थे।
इसके बाद पायलटों ने एयर इंडिया के 13 अगस्त 2020 के फैसले के बाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था ।