रांची | मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को घोषणा की है कि राज्य में ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान की भरपायी राज्य सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि इस इस संबंध में सरकार की ओर से जरूरी आदेश निर्गत किए जा रहे हैं। जिलों में उपायुक्त फसलों को क्षति का आकलन कर एक सप्ताह के अंदर मुआवजा की राशि किसानों को निर्गत करेंगे। दूसरीओर कृषि विभाग और गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग भी किसानों को हुए नुकसान के आंकलन की रिपोर्ट प्राप्त कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में ओलावृष्टि हो रही है। किसानों को हुए नुकसान की जानकारी मुख्यमंत्री तक विभिन्न माध्यमों से पहुंच रही है। स्थिति का आंकलन करते हुए सरकार ने किसानों को फसल के नुकसान के बदले उनकी मदद के लिए मुआवजा देने का निर्णय लिया है। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन प्रभाग और कृषि विभाग से इस संबंध में जानकारी भी प्राप्त की है। विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार किया जा रहा है। आंकड़ों के आधार पर मूल्यांकन भी किया जा रहा है।
कृषि निदेशक निशा उरांव के मुताबिक सीओ नुकसान का आकलन करते हैं। एटीएम और बीटीएम भी उनकी मदद कर रहे हैं। इस बार बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण तरबूज वगैरह का नुकसान हुआ है l सीओ रिपोर्ट बना कर उपायुक्त को देंगे। फिर उपायुक्त आपदा विभाग को रिपोर्ट भेज देंगे l इसके लिए 11 मई का समय निर्धारित किया गया है।
बे में हो रही बेमौसम बारिश से किसानों की कमर तोड़कर दी है। एक अनुमान के मुताबिक किसानों को करोड़ का नुकसान हो चुका है। तरबूज के अलावा गेहूं और सब्जियों की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। जानकारी के अनुसार बारिश और ओलावृष्टि से रांची, गुमला, लोहरदगा, पलामू और हजारीबाग के किसानों को काफी नुकसान हुआ है। लोहरदगा में गेंहू, सरसों के साथ-साथ सब्जियों की फसलें बर्बाद हुई हैं।
किसान कृषि उत्पादों को औनेपौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं। कर्ज लेकर खेती करने वाले किसानों के माथे पर चिंता की लकीर गहरी हुई है। पलामू में गेहूं की फसल बर्बादी हुई है। गुमला में फसरबीन, गेहूं, चना, मटर, टमाटर, मिर्च और प्याज और रांची में स्ट्रॉबेरी और सब्जियों की फसल को क्षति बताया जा रहा है। गोभी, पालक, आलू, पपीता और मटर पर भी मौसम की मार पड़ी है।