किसानों के ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च में शामिल एक जत्थे ने आज मंगलवार को अंबाला में शंभू बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. समूचे इलाके की ड्रोन से निगरानी की जा रही है. कई किसानों के घायल होने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.
एक्स में एक यूजर ने लिखा है ड्रोन, बैरिकेड्स, कीलें, आंसू गैस, वॉटर कैनन, सीमेंटेड दीवार ये सारी व्यवस्थाएं एमएसपी की मांग को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए की गई हैं। अगर ये सब चीन सीमा पर किया गया होता तो उसे झूठ नहीं बोलना पड़ता – “कोई घुसा नहीं है”।
मीडिया रिपोर्ट के मुआत्बिक अधिकारियों ने कहा कि हरियाणा पुलिस द्वारा बैरिकेड से दूर रहने की अपील के बावजूद, कई युवा पीछे नहीं हटे और बैरिकेड के ऊपर खड़े रहे. कुछ किसानों ने ट्रैक्टर की मदद से सीमेंट के अवरोधक हटाने का प्रयास किया।
जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने लोहे का बैरिकेड तोड़ दिया और उसे घग्गर नदी के पुल से नीचे फेंकने की कोशिश की, तो पुलिस ने आंसू गैस के कई गोले छोड़े. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए फिर से आंसू गैस के गोले छोड़े।
कुछ प्रदर्शनकारियों के पास के मैदान में घुसने के बाद पुलिस ने फिर से आंसू गैस के गोले दागे. बाद में पुलिस ने आंसू गैस का गोला गिराने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया.
आंसू गैस के गोले से निकलने वाले धुएं के प्रभाव से खुद को बचाने के लिए किसानों को गीले जूट के थैले इस्तेमाल करते देखा गया.
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने घोषणा की है कि किसान फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के वास्ते कानून बनाने सहित अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मंगलवार को दिल्ली कूच करेंगे.(deshdesk)