वाशिंगटन । अमेरिका के यलोस्टोन नेशनल पार्क में पिछले महीने 1100 से अधिक भूकंप के झटके आए हैं। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 के बाद से पहली बार यलोस्टोन पार्क में एक महीने के अंदर इतनी ज्यादा भूकंपीय गतिविधियां देखी गई हैं। खुशी की बात यह है कि सारे भूकंप कम तीव्रता के थे।
सिर्फ चार भूकंप ऐसे थे, जो रिक्टर पैमाने पर 3 की तीव्रता से ऊपर के मापे गए और उनका कंपन महसूस किया गया, भूकंप की वजह से कोई नुकसान नहीं हुआ है। इतना ही नहीं दुनिया के सबसे बड़े ज्वालामुखियों में से एक के मुहाने पर बना यह पार्क कई भौगोलिक रहस्यों से भरा पड़ा है।
किस्मत अच्छी थी कि इन भूकंपीय गतिविधियों से ज्वालामुखी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। यूएसजीएस की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई माह में इतने ज्यादा भूकंप आना एक चिंता की बात है, क्योंकि हाल के दिनों में धरती के भीतर कोई चुंबकीय हलचल दर्ज नहीं की गई है। अगर लावा के बहाव की वजह से कंपन हो रहा है, तो भी वैज्ञानिकों को अन्य वजहों की तलाश करनी पड़ेगी,
क्योंकि सिर्फ लावा के बहाव से इतने भूकंप नहीं आते। यह भी हो सकता है कि पार्क के नीचे गर्मी या गैस उत्सर्जन की मात्रा बढ़ गई हो। हालांकि, इसके संकेत नहीं मिले हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ उटाह के सीस्मोग्राफ स्टेशन के यंत्र यलोस्टोन पार्क के इलाके में भूकंपीय गतिविधियों की रिकॉर्डिंग करते हैं। इन यंत्रों पर जुलाई में 1100 भूकंप के झटके दर्ज किए गए हैं। ये भूकंप सात अलग-अलग सीरीज में आए। सबसे ज्यादा ताकतवर भूकंप 16 जुलाई को आया था।
यूएसजीएस के मुताबिक 16 जुलाई के दिन अकेले यलोस्टोन पार्क के काफी नीचे धरती के अंदर 764 भूकंप आए थे। इनमें 3.6 तीव्रता का सबसे बड़ा भूकंप भी था। यूएसजीएस ने कहा कि यलोस्टोन पार्क में आने वाले इन भूकंपों से परेशान होने की जरूरत नहीं है।
हालांकि यह वैज्ञानिकों के लिए अध्ययन का एक विषय है। फिलहाल रिपोर्ट के अनुसार पार्क के नीचे स्थित फॉल्ट्स के हिलने से भूकंप महसूस किया गया। ये फॉल्ट्स बर्फ पिघलने की वजह से भी हिल सकते हैं, क्योंकि जब ऊपरी दबाव खत्म होता है तो धरती के अंदर के दबाव की वजह से फॉल्ट्स में कंपन आता है।
यलोस्टोन नेशनल पार्क अमेरिका में सबसे ज्यादा भूकंपीय गतिविधियां दर्ज करने वाला इलाका है। यहां साल भर में 700 से 3000 भूकंप आते हैं। इसमें से कई तो यहां आने वाले पर्यटकों को पता ही नहीं चलते, क्योंकि उनकी तीव्रता काफी कम होती है। कई बार लोग कंपन को महसूस भी करते हैं। यलोस्टोन पार्क में इतिहास का सबसे बड़ा भूकंप 7.3 तीव्रता का आया था।
पार्क में मौजूद हेबजेन लेक इस भूकंप का केंद्र था। इस पार्क में इतना भूकंप क्यों आता है? यह पार्क दरअसल, जमीन के अंदर मौजूद एक बहुत बड़े ज्वालामुखी के मुहाने और उसके अगल-बगल बनी फॉल्ट्स लाइन के ऊपर बना है। जिस ज्वालामुखी की बात कर रहे हैं वह करीब 70 हजार साल पहले फटा था।
इसके बाद से वह नहीं फटा है, लेकिन उसकी गर्मी, उससे निकलने वाला लावा अक्सर पार्क की जमीन और जलीय स्रोतों को गर्म कर देता है। इसलिए आपको पार्क के तालाबों और झीलों से हमेशा भाप निकलती दिखाई देगी।
यहां भूकंप सबसे ज्यादा इसलिए आते हैं, क्योंकि इस इलाके की फॉल्ट्स लाइन काफी ज्यादा सक्रिय नजर आती है। जमीन के नीचे ज्वालामुखी ने बहने वाले मैग्मा यानी गर्म लावा की दबाव, पानी और गैस के मूवमेंट की वजह से हिलते-डुलते रहते हैं।
इनकी वजह से पार्क से गाइजर्स और गर्म पानी के स्रोतों से भाप निकलती रहती है। यलोस्टोन नेशनल पार्क में मौजूद ज्वालामुखी पहले भी कई बार फटा है, लेकिन छोटे स्तर पर।
इसका सबसे बड़ा विस्फोट 725,000 साल पहले हुआ था। अगर यह गणना वैज्ञानिक तौर पर सही है तो अगले एक लाख साल में यहां पर फिर एक बड़ा विस्फोट होने का अनुमान है। अगर यलोस्टोन नेशनल पार्क में इतने बड़े पैमाने पर विस्फोट होता है, तो यह पूरे अमेरिका को तबाह कर सकता है।
नदियों में राख और ज्वालामुखी का लावा बह सकता है। बड़े इलाके में सूखा हो सकता है और लोग अनाज खत्म होने से भुखमरी का शिकार हो सकते हैं।