वाशिंगटन । अमेरिका में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने खतरे की घंटी बजा दी है। नए आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में आए कोरोना संक्रमण के करीब 94 फीसद मामले डेल्टा वैरिएंट के हैं।
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, डेल्टा वैरिएंट अब अमेरिका में सभी नए कोरोना मामलों का 93.4 प्रतिशत हिस्सा है, जो मामले जुलाई के अंतिम दो हफ्तों के दौरान रिपोर्ट हुए थे। रिपोर्ट के अनुसार, सीडीसी ने अपने नवीनतम अपडेट में कहा कि कुछ हिस्सों में कोरोना संक्रमण की संख्या और भी अधिक है।
आयोवा, कंसास, मिसौरी और नेब्रास्का सहित मिडवेस्ट में, डेल्टा वैरिएंट सभी नए मामलों में 98 प्रतिशत से अधिक के लिए जिम्मेदार है। इन आंकड़ों में पिछले दो महीनों में तेजी आई है। सीडीसी अपडेट में कहा गया है, कि 22 मई को समाप्त हुए दो हफ्तों में डेल्टा वैरिएंट के प्रसार का अनुमान लगभग 3 प्रतिशत था।
पिछले सप्ताह में नए मामलों का दैनिक औसत बढ़कर 66,606 प्रति दिन हो गया, जो पिछले सप्ताह 40,597 था। इसमें 64 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
अमेरिका में कोरोना का कहर कम होने पर मास्क पहनने को ढील दे दी गई थी, लेकिन यूएस में वायरस का खतरा एक बार फिर बढ़ने वाला है। देश के शीर्ष कोरोना सलाहकार डॉ एंथोनी फॉसी ने इस लेकर चेतावनी देकर कहा कि अमेरिका में कोरोना के मामले दोगुने हो सकते हैं, क्योंकि अब यहां पर डेल्टा से भी बदतर वेरिएंट आ सकता है।
इससे पहले रविवार को कहा कि अमेरिका में “चीजें बदतर होने जा रही हैं। क्योंकि यहां डेल्टा वेरिएंट के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। हालांकि अब कोरोना का प्रकोप बढ़ने के बाद भी शायद देश में लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा। डॉ फाउची ने कहा है कि टीका न लगवाना कोरोना को फैलाने का सबसे अहम कारण होगा। अभी तक अमेरिका की कुल 49.5 प्रतिशत आबादी को ही टीका लगा है।