रायपुर | कुछ दिन पहले स्वच्छता के कई पैमानों पर छत्तीसगढ़ सरकार ने दर्जनों पुरस्कार बटोरे अब खबर यह कि केन्द्रीय ग्रामीण मंत्रालय ने प्रधानमंत्री आवास योजना PMAYके तहत राज्य को आवंटित करीब 8 लाख (7 लाख 81 हजार 999 मकान) बनाने का लक्ष्य वापस ले लिया है|
भाजपा और कांग्रेस अब इसे लेकर मुखर हो गये हैं | सोशल मिडिया पर भी बहस चल रही है | तो क्या योजनायें चुनाव जितने के पैमाने से तय होने लगेंगे ?
छत्तीसगढ़ सरकार पर आरोप है कि प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन संतोषजक नहीं है न ही उसने 2019 से राज्यांश भी दिया है |
लिहाजा इस बरस 2021-22 आवंटित करीब 8 लाख लोग इससे सीधे प्रभावित होंगे |
केन्द्रीय ग्रामीण मंत्रालय द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि मंत्रालय की तरफ से बार बार दिशा निर्देश के बावजूद योजना की प्रगति में राज्य सरकार ने रुचि नहीं दिखाई गई | नए मकानों के पंजीयन से लेकर हितग्राहियों को नए मकान आवंटन और पहले आवंटित मकानों के निर्माण को लेकर राज्य सरकार संतोषजनक नतीजे देने में असफल रही है| 2019 से राज्यांश भी नहीं दिया गया है|
भाजपा और कांग्रेस अब इसे लेकर मुखर हो गये हैं | छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने ट्विट किया – सोचिए! किस तरह का आर्थिक कुप्रबंधन @bhupeshbaghel सरकार में चल रहा है। @INCChhattisgarh सरकार के कारण केंद्र सरकार से मिलने वाले 7.81 लाख पीएम आवास अब नहीं बन पाएंगे।इससे 11 हजार करोड़ से अधिक का सालाना नुकसान राज्य को होगा। भूपेश बघेल ने गरीबों के घर बनने से पहले ही उजाड़ दिए।
.@INCChhattisgarhसरकार के निकम्मेपन के कारण गरीबों के घर नहीं बन पाएंगे। @MoRD_GOI का पत्र पढ़िए और अंदाजा लगाइए कैसे @bhupeshbaghel राज्य के गरीबों की उम्मीदों की हत्या कर रहे हैं। प्रदेश सरकार की लापरवाही के कारण पीएम आवास के 2021-22 में आवंटित 7,81,999 घर अब नहीं बन पाएंगे।
हर समय केंद्र सरकार पर दोषारोपण करने वाले @bhupeshbaghel आंखें खोलकर यह पत्र पढ़े! कैसे उनकी सरकार पीएम आवास के मकानों के निर्माण में फिसड्डी है, न नये रजिस्ट्रेशन किये न ही घरों की मंजूरी दी। यही कारण है कि केंद्र सरकार 2021-22 के लिए आवंटित लक्ष्य को वापिस ले रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय ठाकुर ने रमन सिंह के ट्वीट पर जवाब देते कहा कि भाजपा झूठ बोल कर राजनीति करने की आदी है| उन्होंने कहा कि केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन की क्षमता केंद्र सरकार के पास नहीं है|
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि केंद्र सरकार की तरफ से जारी नहीं की जा रही है| इसके पहले भी 3 साल तक छत्तीसगढ़ के अंशदान में कटौती करने का काम केंद्र सरकार ने किया है, जिसका 13 हजार करोड़ रुपए व्यय भार राज्य सरकार पर अतिरिक्त पड़ रहा है| उन्होंने कहा कि केंद्रीय योजनाओं को चलाने में मोदी सरकार असफल है|
केंद्र के इस फैसले पर छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार आलोक प्रकाश पुतुल ट्विट करते हैं , केंद्र सरकार ने कई गंभीर आरोप लगाते हुये छत्तीसगढ़ में लगभग आठ लाख ग़रीबों के मकान की योजना वापस ले ली है|
लगभग 8 लाख घर यानी लगभग 40 लाख की आबादी इससे प्रभावित होगी. लगभग 2.90 करोड़ की आबादी वाले छत्तीसगढ़ में 40 लाख की आबादी का, विधानसभा चुनाव में कोई असर होगा? लगभग कितना?
बता दें 2021-22 में धान खरीदी के लिए बारदाना आपूर्ति को लेकर भाजपा-कांग्रेस में आरोप –प्रत्यारोप का दौर जारी है | एक केंद्र सरकार पर तो दूसरा राज्य सरकार पर आरोप लगा रहे हैं| (deshdesk)