वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को केबिनेट की मंजूरी, बिल शीत सत्र में  

केन्द्रीय मंत्रिमंडल (केबिनेट)  ने देश में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव (वन नेशन वन इलेक्शन) करवाने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी. बिल शीतकालीन सत्र यानी नवंबर-दिसंबर में संसद में पेश किया जाएगा.

नई दिल्ली| केन्द्रीय मंत्रिमंडल (केबिनेट)  ने देश में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव (वन नेशन वन इलेक्शन) करवाने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी. बिल शीतकालीन सत्र यानी नवंबर-दिसंबर में संसद में पेश किया जाएगा. बता दें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी ,बहुजन समाज पार्टी, तृणमूल कांग्रेस ने इसका विरोध किया है.

सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने निर्णयों की जानकारी देते हुए एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मंत्रिमंडल ने आज एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है और एक राष्ट्र, एक चुनाव के संबंध में उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है.”

श्री वैष्णव ने कहा कि सरकार इस व्यवस्था को दो चरणों में लागू करने पर विचार कर रही है. पहले चरण में लोकसभाओं और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने का प्रस्ताव है जबकि दूसरे चरण में इनके साथ ही स्थानीय निकायों के चुनाव भी कराये जायेंग.

उल्लेखनीय है कि कोविंद समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है कि बार बार चुनाव के कारण आदर्श आचार चुनाव संहिता लागू होने से सरकारों के योजना संबंधी फैसले प्रभावित होते हैं और विकास के कार्यों की गति बाधित होती है.

वन नेशन वन इलेक्शन पर विचार के लिए बनाई गई पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी. रिपोर्ट 18 हजार 626 पन्नों की है. कमेटी ने सभी विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 तक करने का सुझाव दिया है.

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