जुलाई में यूपीआई से रिकॉर्डतोड़ आईपीओ बोलियां लगीं

जुलाई में शेयर बाजार में धांसू आईपीओ आए और उनके लिए यूपीआई के जरिए रिकॉर्डतोड़ बोलियां भी लगीं।

नई दिल्ली । जुलाई में शेयर बाजार में धांसू आईपीओ आए और उनके लिए यूपीआई के जरिए रिकॉर्डतोड़ बोलियां भी लगीं। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के आंकड़े बताते हैं कि जुलाई में आईपीओ में निवेश के लिए 76.6 लाख निर्देश आए।

जून की तुलना में आंकड़ा 4.6 गुना अधिक रहा क्योंकि तब केवल 19.4 लाख निर्देश आए थे। जुलाई में आईपीओ की बारिश रही, जब जोमैटो जैसी कंपनी ने बाजार में दस्तक दी थी।

कंपनी के आईपीओ में रकम लगाने के लिए खुदरा निवेशकों से 32 लाख आवेदन आए, जिनमें ज्यादातर यूपीआई के रास्ते आए थे। जोमैटो के अलावा जीआर इन्फ्राप्रोजेक्ट्स, क्लीन साइंस और तत्व चिंतन के लिए भी बड़ी संख्या में आवेदन आए थे।

यह अलग बात है कि यूपीआई के माध्यम से पहुंचे 76.6 लाख आवेदनों में केवल 5,32,943 या 6.94 प्रतिशत आवेदन ही स्वीकार किए गए।

देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक को सबसे ज्यादा 19 लाख आवेदन के निर्देश मिले थे। एचडीएफसी बैंक को 13 लाख, आईसीआईसीआई बैंक को 9,30,423 निर्देश, बैंक ऑफ बड़ौदा को 6,36,907 और ऐक्सिस बैंक को 5,03,810 निर्देश मिले थे।

जून में पांच कंपनियां शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुई थीं और उन्होंने अपने आईपीओ के जरिए 9,923 करोड़ रुपए जुटाए थे। जुलाई में 6 कंपनियों ने आईपीओ के माध्यम से 14,629 करोड़ रुपए जुटाए थे।

इस समय बैंक समर्थित ब्रोकरेज कंपनियों में ट्रेडिंग खातों वाले खुदरा निवेशक अपने 3-इन-1 खाते के जरिये आवेदन कर सकते हैं। 3-इन-1 खाते में बैंक खाता, डीमैट खाता और ट्रेडिंग खाता एक दूसरे के साथ जुड़ा रहता है।

जिन लोगों के ट्रेडिंग खाते अलग ब्रोकरेज फर्म में हैं, वे यूपीआई के जरिए आवेदन कर सकते हैं। हालांकि अब भी ज्यादातर आवेदन 3-इन-1 खातों के जरिए ही आते हैं।

मगर कारोबारियों को लगता है कि डिस्काउंट ब्रोकर के आने के बाद यूपीआई आधारित आवेदनों की संख्या बढ़ सकती है।

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