झारखंड में कोल कारोबारियों से वसूली और कोयला कारोबार पर धाक जमाने में अमन साव गिरोह लगातार सक्रिय है। गिरोह के अपराधी एनआईए के रडार पर हैं, बावजूद इसके गिरोह के सदस्यों के द्वारा आपराधिक वारदातों को लगातार अंजाम दिया जा रहा है। चतरा के टंडवा में कोयला के ट्रांसपोर्टेशन का काम कर रही आरकेटीसी कंपनी के कर्मियों पर फायरिंग की घटना को भी अमन साव के गैंग ने ही अंजाम दिया था। मौके पर अमन साव के गुर्गे शाहरूख अंसारी ने पोस्टर भी फेंके थे।
जानकारी के मुताबिक, शाहरूख अंसारी स्वयं भी एनआईए की रडार पर है। 21 जून को एनआईए रांची में शाहरूख को हाजिर होने का आदेश एनआईए के अधिकारियों ने दिया था, लेकिन बजाय एनआईए के समक्ष हाजिर होने के शाहरूख ने चतरा में वारदात को अंजाम दिया।
गैंगेस्टर अमन साव रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद है, लेकिन अमन के जेल में बंद होने के बावजूद भी उसकी सक्रियता कम नहीं हुई है। अमन साव से एनआईए ने बीते दिनों पांच दिनों के रिमांड पर पूछताछ भी की थी। लातेहार के तेतरियाखाड़ कोलियरी में आगजनी के केस में भी अमन साव आरोपी है। एनआईए ने इस मामले में अमन साव के सहयोगी रहे सुजीत सिन्हा से भी पूछताछ की थी। पूछताछ में सुजीत सिन्हा ने बताया था कि उसके गैंग की भूमिका तेतरियाखाड़ कोलियरी फायरिंग केस में नहीं है।
झारखंड के कोयला क्षेत्रों में सुजीत सिन्हा व अमन साव के गिरोह की सक्रियता रही है। दोनों साथ मिलकर आपराधिक गैंग चला रहे थे, लेकिन कुछ माह पूर्व पैसों व एक महिला को गैंग में प्रमुख स्थान दिए जाने के बाद सुजीत सिन्हा से अमन साव ने रास्ते अलग कर लिए। अमन साव के साथ अब शाहरूख, मयंक सिंह समेत अन्य की सक्रियता है। जबकि सुजीत सिन्हा अब पूरे गैंग में अलग थलग पड़ चुका है।