चैन्नई/ नई दिल्ली| भारतीय वायुसेना का एक हेलीकॉप्टर बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया। वायुसेना ने बताया कि इस हेलीकॉप्टर में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत भी सवार थे। दुर्घटना कोहरे की स्थिति के चलते कथित तौर पर कम दृश्यता की वजह से हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हादसे पर कल संसद में बयान देंगे |
हादसे के करीब एक घंटे बाद यह जानकारी दी गई कि जनरल रावत को वेलिंगटन के मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया है, हालांकि उनकी स्थिति क्या है, इस बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि जनरल बिपिन रावत गंभीर रूप से घायल हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक घने जंगलों में हुए इस हादसे के बाद हेलिकॉप्टर में आग लग गई। इसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका समेत सेना के 14 अफसर सवार थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक 11 शव बरामद किए गए हैं, जो बुरी तरह जल चुके हैं।
वायुसेना ने कहा कि हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। वायुसेना का एमआई-17वीएच हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। हेलीकॉप्टर ने कोयंबटूर के पास सुलुर वायुसेना अड्डे से उड़ान भरी थी।
दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हेलीकॉप्टर में सवार सभी घायल लोगों को दुर्घटनास्थल से निकाल लिया गया है। उन्होंने बताया कि सीडीएस जनरल रावत वेलिंगटन में ‘डिफेंस सर्विसेज कॉलेज’ (डीएससी) जा रहे थे तभी हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
इस बीच, कोयंबटूर में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चार शव निकाल लिए गए हैं और मलबे से तीन लोगों को बचाया गया। उन्होंने बताया कि हेलीकॉप्टर नीलगिरि जिले के पर्वतीय क्षेत्र में कुन्नूर के निकट नंजप्पनचथिराम इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हुआ। दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर में कितने लोग सवार थे, इस बारे में तत्काल कोई ठोस जानकारी नहीं है, हालांकि आधिकारिक सूत्रों ने इससे पहले बताया था कि हेलीकॉप्टर में तीन-चार वरिष्ठ अधिकारी सवार थे।
कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को लेकर हेलीकॉप्टर कोयंबटूर के सुलुर से वेलिंगटन में डीएससी की ओर जा रहा था, जहां जनरल रावत, थल सेनाध्यक्ष एम. एम. नरवणे के साथ बाद में एक कार्यक्रम में भाग लेने वाले थे।
जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ हैं। उन्होंने 1 जनवरी 2020 को यह पद संभाला। रावत 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक सेना प्रमुख के पद पर रहे।