शिक्षक और साहित्यकार श्रीराम साहू ‘अकेला’ जी नहीं रहे

शिक्षक और साहित्यकार श्रीराम साहू ‘अकेला’ जी नहीं रहे. आज 31 अगस्त 2024 की दोपहर उन्होंने अंतिम सांस ली.   अंकुर साहित्य मंच के संस्थापक सदस्यों में से एक बसना (बंसुला) निवासी श्रीराम साहू अपनी सूक्ष्म रचनाओं ‘क्षणिका’ के सुपरिचित हस्ताक्षर थे.

बसना| शिक्षक और साहित्यकार श्रीराम साहू ‘अकेला’ जी नहीं रहे. आज 31 अगस्त 2024 की दोपहर उन्होंने अंतिम सांस ली.   अंकुर साहित्य मंच के संस्थापक सदस्यों में से एक बसना (बंसुला) निवासी श्रीराम साहू अपनी सूक्ष्म रचनाओं ‘क्षणिका’ के सुपरिचित हस्ताक्षर थे.

उनका शिक्षकीय जीवन प्राथमिक स्कूल के शिक्षक शुरू होकर व्याख्याता के पद से सेवानिवृत हुए. इस दौरान वे साहित्य सृजन में लगे रहे. बसना जैसे कस्बे में एक साहित्य मंच स्थापित करने में उनकी महती भूमिका रही. इस मंच के जरिये उन्होंने अपने आसपास  के नवांकुर रचनकारों को जोड़ा. पत्र-पत्रिकाओं के अलवा वे फेसबुक पर काफी सक्रिय थे. जहाँ वे रचनाओं को पोस्ट किया करते थे. ‘क्षणिका’ संग्रह ‘डेढ़ इंच मुस्कान’ उनकी पहली प्रकाशित किताब थी. वे ‘हाइकू’ भी लिखते थे और इसका संग्रह भी प्रकाशित होने वाला था.

उनके निधन पर साहित्य बिरादरी ने शोक जताया है. उनके अनन्य मित्र और पड़ोसी बद्रीप्रसाद पुरोहित ने फेसबुक पर इसकी जानकारी दी. सोशल मीडिया  पर श्रद्धांजलि का सिलसिला जारी है.

शिक्षाविद समीर प्रधान ने लिखा है  बेहद ,बेहद दुखद समाचार।अत्यंत क्रियाशील और रचनात्मक व्यक्तित्व का अचानक अवसान हृदय को झकझोर देने वाली घटना है।पिथौरा बसना सरायपाली के साहित्यिक बिरादरी को गहरा आघात है श्री श्रीराम साहू का निधन. विनम्र श्रद्धांजलि.

पत्रकार रजिंदर खनूजा ने लिखा – ओह्ह ये क्या हो गया, कम शब्दो मे बेहतरीन व्यंग के नायक श्री राम साहू जी को विनम्र श्रद्धांजलि.

श्रृंखला साहित्य मंच के अध्यक्ष प्रवीण प्रवाह ने पोस्ट किया है ओह! अत्यंत दु:खद! प्रिय मित्र श्रीराम भाई नहीं रहे. अत्यंत विचलित कर देने वाला समाचार. सुना तो था उनका स्वास्थ्य इन दिनों कुछ अच्छा नहीं था। लेकिन इतनी जल्दी दुनिया छोड़ जाएंगे ऐसा सोचा भी नही था. बहुत याद आएंगे श्रीराम भाई. अत्यंत व्यथित हृदय से विनम्र श्रद्धांजलि. ईश्वर उनके परिजनों को यह आघात सहने की शक्ति प्रदान करें. दिवंगत आत्मा को शत् शत् नमन्

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