उदयपुर: रिकवरी के नाम पर कटौती, राशन विक्रेता नहीं बाटेंगे राशन

सरगुजा जिले के विकासखंड उदयपुर में पीडीएस के माध्यम से वितरण होने वाले राशन को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. पीडीएस के राशन विक्रेताओं ने नवंबर महीने में राशन वितरण करने से साफ साफ मना कर दिया है.

उदयपुर| सरगुजा जिले के विकासखंड उदयपुर में पीडीएस के माध्यम से वितरण होने वाले राशन को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. पीडीएस के राशन विक्रेताओं ने नवंबर महीने में राशन वितरण करने से साफ साफ मना कर दिया है.

इसके संबंध में अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय उदयपुर तथा विधायक प्रतिनिधि को भी ज्ञापन सौंपकर अपनी परेशानियों से इन लोगों द्वारा अवगत कराया गया है.

अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय उदयपुर में सौंपे गए ज्ञापन के अनुसार शासकीय उचित मूल्य दुकानों के राशन का कटौती किया गया है इन लोगों की मांग है कि दुकान के प्राथमिकता अनुसार पूर्ण राशन भंडारण किया जाए.

मध्यप्रदेश राज्य में सभी पीडीएस दुकानों में शेष स्टाक को शून्य किया गया था इसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ के शासकीय उचित मूल्य दुकानों के ऑनलाइन प्रदर्शित स्टार्ट को भी शून्य किए जाने की मांग इस आवेदन में की गई है.

  • इस माह उदयपुर विकासखंड में नहीं बंटेगा किसी भी राशन दुकान में राशन
  • अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय एवं विधायक प्रतिनिधि को राशन विक्रेताओं ने सौंपा ज्ञापन

साथ ही ईन्होंने सर्वर संबंधी समस्या के कारण खाद्यान्न वितरण में होने वाली कठिनाइयों को भी शीघ्र दूर करने की मांग  की है.बारदाना की राशि अभी तक प्राप्त नहीं हुई है बारदाना की राशि देने के लिए भी तिथि निर्धारित करने की मांग की गई है.

शासन द्वारा दिए जा रहे कमीशन की राशि को बंद कर विक्रेताओं को मानदेय पैंतीस हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाने की बात भी उक्त ज्ञापन में कही गई है. कोरोना काल में राशन वितरण मैनुअल रजिस्टर के माध्यम से किया गया था उसे भी पाश मशीन में शून्य किए जाने की मांग की गई है.

सबसे अंत में इन लोगों के द्वारा यह भी लिखा गया है कि शासकीय उचित मूल्य दुकानों की प्राथमिकता अनुसार पूर्ण भंडारण एवं प्रशासन की अग्रिम सूचना आने तक सभी पीडीएस दुकानों को विकासखंड उदयपुर में बंद रखा जायेगा.

राशन विक्रेताओं के इस निर्णय का असर हजारों राशन कार्ड धारियों पर पड़ेगा जिनमें ऐसे प्राथमिकता वाले लोग भी शामिल हैं जो कि शासन द्वारा मिलने वाले उक्त राशन के भरोसे ही उनका पेट भरता है. देखना होगा शासन इनकी मांगों पर किस तरह का विचार करती है या क्या निर्णय लेती है जिससे लोगों को जल्द ही राशन मिल सके.

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विकासखंड उदयपुर में संचालित राशन दुकानों में जब हमने जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि राशन दुकानों में वास्तविक राशन की मात्रा और वर्तमान में प्राप्त राशन की मात्रा में काफी अंतर है कुछ उदाहरण इसमें इस प्रकार से हैं उदयपुर सोसाइटी में 292 से 296 क्विंटल राशन चावल हर माह आता है परंतु इस बार कटौती उपरांत 210 क्विंटल चावल आया है.  जजगा में शून्य, झीरमीटी में 186 में 83, खोडरी में 118 में 92, केशगवां में 189 में 112, सरगवा में 163 में 54, केदमा में 100 में 5 परसा में 133 में 84, डांडगांव में 245 में 120 क्विंटल चावल ही मिला है. इसी तरह से अधिकतर जगहों पर चना नमक व शक्कर आया ही नहीं है.

इस बारे में बात करने पर खाद्य निरीक्षक सतपाल सिंह ने बताया कि 2016 से चले आ रहे राशन बचत की कटौती शासन द्वारा इस बार एक साथ कर दी गई है जिससे राशन वितरण केंद्रों में कम मात्रा में चावल आया है. टेबलेट के माध्यम से वितरण के समय फोटो खींचकर राशन वितरण किया जाता था. आनलाइन किसी का चढ़ा किसी का नहीं चढ़ा बचत आटोमेटिक मशीन में आनलाइन दिखता था. वही आनलाइन बढ़ते बढ़ते आज काफी बढ़ चुका है, जिसकी कटौती शासन स्तर से एक साथ इस बार किया गया है. इसी में हरेक प्रकार का सामग्री सभी के यहां कम दिखा रहा है.

ज्ञापन सौंपने वालों में राशन विक्रेता संघ के अध्यक्ष कमलभान सिंह, उपाध्यक्ष जगेश्वरी, लक्ष्मी यादव, सचिव बिरेंद्र सिंह, कोषाध्यक्ष भोलेनाथ आर्मों, मनुक सिंह, अमर सिंह, दुलेश्वर, नारसिंह, मीरा बाई, सुनीता सिंह पैकरा, सविता, फुलेश्वरी, बुद्धमणि, शकुंतला सिंह , नैन सिंह मनमूरत सिंह, दिनेश सहित काफी संख्या में पीडीएस दुकानों के संचालक महिला समूह के सदस्य व सेल्समैन उपस्थित रहे.

deshdigital के लिए क्रांतिकुमार रावत 

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