उदयपुर| विद्यार्थी और शिक्षक के मध्य जितना मधुर सम्बन्ध होंगे उतना ही शिक्षा पुष्पित और पल्लवित होगा , शिक्षक विद्यार्थी में अपना ही अक्श देखता है, वह आने वाला कल को बेहतर बनाने सजाने सवारने में हमेशा तत्पर रहता है. यह बात शासकीय हाई स्कूल फुलचुही के व्याख्याता विपिन बिहारी गहवई ने विद्यालय में आयोजित शनिवारीय विशेष बालमन में कहीं.
उन्होंने कहा कि एक विद्यार्थी शिक्षक से क्या अपेक्षा रखता है जब वह विद्यालय में आता है। उस बालक के बाल मन मे कितने सारे विचार चलता होगा उसे शिक्षक को समझना आज बहुत आवश्यक है. उनके विचारों को अपनी अनुभव का पंख लगाकर ही उसे ऊँचाई दिया जा सकता है.
शिक्षक रामेश्वर राठौर ने कहा कि शिक्षक हमेशा से विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को लेकर काम किये है. विद्यार्थी में कौन सा भाग कमजोर है उसे कैसे दूर किया जा सकता है इसे लेकर ही वह काम करता है. विद्यार्थियों में अरुण सिंह ,मंजू सिंह ,राखी सिंह ने भी अपनी रखते हुई कहा कि विद्यार्थी के छोटे मन को भी शिक्षक को समझना आवश्यक है.
द्वितीय सेक्शन में व्याख्याता नीलिमा खलखो ने अपनी बात रखते हुए भोज्य पदार्थों का हमारे जीवन मे कितना उपयोग है उनका किस तरह सेवन करना चाहिए . इनका पर्याप्त उपयोग से ही हम स्वस्थ्य रहते हैं यह जिनका कम होगा उतना ही अनेक रोगों को जन्म देता है. उन्होंने शरीर मे रक्त के निर्माण और संचरण प्रकार आदि के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने फोलिक एसिड और आयरन टैबलेट किशोरावस्था में क्यो सेवन करने को कहा है इस पर भी अपनी बात रखी.
उसके बाद अंतिम सेक्शन में विद्यार्थियों को सर्प और बिच्छू काटने पर क्या क्या सावधानी बरतनी चाहिए पर यूनिसेफ द्वारा बनाया गया डाक्यूमेंट्री फ़िल्म का प्रदर्शन प्रोजेक्टर से किया गया. बरसात में इस तरह समस्या ज्यादातर देखने को मिलता है इससे हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है और उनसे बचने के क्या क्या उपाय है. इस डाक्यूमेंट्री में जब परिस्थिति इस तरह बन जाये तब क्या करना चाहिए और क्या नही इनकी जानकारी विद्यार्थियो तक पहुँचना था. सभी विद्यार्थियों ने अपनी सहभागिता देकर इस कार्यक्रम को सफल बनाया.
deshdigital के लिए क्रांति कुमार रावत