अंबिकापुर| सरगुजा के सूरजपुर जिले के जंगलों में हाथियों के बेहोश होने के कारणों पर वन विभाग जुटा हुआ है |उधर होश में आये हाथी अपने दलों में जा मिले हैं, इससे वन अमले ने राहत की साँस ली है |
मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय वन अधिकारी, कर्मचारी रमकोला, खोंड और केसर के जिस रास्ते से हाथी कछिया की ओर पहुंचे थे उधर जांच में निकले हैं। यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि जंगल में कहीं और हाथी बेहोश तो नहीं हैं।
अंबिकापुर के वन अधिकारियों की टीम आसपास के डबरी, तालाब और दूसरे प्राकृतिक जल स्रोतों की जांच होगी। पानी का सैंपल लिया जाएगा। यह जानने का प्रयास किया जाएगा कि कहीं पानी तो दूषित नहीं था जिन घरों को हाथियों ने क्षतिग्रस्त किया था और खलिहान में रखा अनाज खाए थे उन घरों की भी जांच की जाएगी।
एलीफेंट रिजर्व सरगुजा के फील्ड डायरेक्टर के मेचियो के मुताबिक प्रारंभिक रूप से यह बात निकलकर सामने आई है कि हाथियों ने शराब बनाने के बाद फेंके गए सड़े महुआ लहान का सेवन किया होगा लेकिन इस संभावना कि जब तक पुष्टि नहीं हो जाती तब तक हम स्पष्ट रूप से किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकते।
इसके पहले हाथियों के कीटनाशक दवा के सेवन करने के आशंका जताई जा चुकी है | संभावना जताई जा रही थी कि हाथियों को या तो सुनियोजित तरीके से कीटनाशक मिश्रित खाद्य सामग्री दे दी गई है या फिर घर में रखी ऐसी सामग्री का सेवन कर लिया है जिससे बेहोश हुए |
इधर सोमवार की रात हाथियों ने कछिया गांव में जंगल किनारे पांच घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया। सारी रात हाथी गांव के आसपास विचरण करते रहे। सुबह हाथियों का दल एक साथ जंगल में प्रवेश कर गया है।जिस शावक हाथी का इलाज नहीं हुआ था, वह भी सोमवार की रात होश में आगया | सभी हाथी दल में शामिल हो चुके हैं।
बता दें सरगुजा के सूरजपुर जिले के बिहारपुर क्षेत्र में पिछले कई दिनों से जमे हुए हैं | इन हाथियों के दल में शामिल डेढ़ दर्जन हाथी ग्राम कछिया के समीप गिरकर बेहोश हो गए थे | इसकी सूचना मिलते ही वन विभाग में हड़कंप मच गया था |