रायपुर/ नई दिल्ली | छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में युवक को पुलिस से पिटवाने वाले सूरजपुर कलेक्टर रणबीर शर्मा की हरकत की आईएएस एसोसिएशन ने कड़ी निंदा की है। कलेक्टर के रवैये पर गहरी नाराजगी जताते हुए आईएएस एसोसिएशन ने हरकत को अस्वीकार्य और सेवा के सिद्धांतों के खिलाफ बताया है। इधर सीएम भूपेश बघेल ने कलेक्टर रणबीर शर्मा को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने लिखा है किसी भी अधिकारी का शासकीय जीवन में इस तरह का आचरण स्वीकार्य नहीं है। इस घटना से क्षुब्ध हूँ। मैं नवयुवक व उनके परिजनों से खेद व्यक्त करता हूँ।
वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर कलेक्टर के खिलाफ आम जन से लेकर प्रमुख व्यक्तियों ने भड़ास निकाली। जिसके बाद कलेक्टर ने एक वीडियो जारी कर घटना को लेकर माफी भी मांगी है।
हालांकि, उनके खिलाफ निलंबन जैसी सख्त कार्रवाई के लिए लोग भूपेश बघेल सरकार से मांग कर रहे हैं।
इधर सीएम भूपेश बघेल ने ट्विट किया है कि सोशल मीडिया के माध्यम से सूरजपुर कलेक्टर रणबीर शर्मा द्वारा एक नवयुवक से दुर्व्यवहार का मामला मेरे संज्ञान में आया है। यह बेहद दुखद और निंदनीय है। छत्तीसगढ़ में इस तरह का कोई कृत्य कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कलेक्टर रणबीर शर्मा को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं।
बता दें दरअसल, शनिवार को एक युवक सड़क पर निकला था। उस दौरान लॉकडाउन का पालन कराने के लिए गुजर रहे सूरजपुर कलेक्टर रणबीर शर्मा ने युवक को रोककर कुछ पूछताछ की। इसके बाद उसे थप्पड़ रसीद कर पुलिस से पिटवाया। वीडियो बनाने की आशंका पर कलेक्टर ने मोबाइल भी सड़क पर फेंककर तोड़ दिया। इस घटना का किसी ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। https://www.facebook.com/1162941148/videos/10225227852501036/ जिसके बाद कलेक्टर के इस तानाशाही भरे रवैये की निंदा होने लगी।
सोशल मिडिया पर कलेक्टर के खिलाफ नाराजगी भरी पड़ी है|
पत्रकार आवेश तिवारी फेसबुक पर लिखते हैं –
जब भ्रष्टाचारी को थोड़ी सी ताकत मिल जाती है तो वह अपनी हदें पार करने लगता है,क्रूर और संवेदनहीन हो जाता है। कुछ दिनों पहले आपने त्रिपुरा के कलेक्टर की गुंडई देखी थी यह नया नमूना छ्त्तीसगढ़ के सूरजपुर का है। बच्चों को खुद और पुलिस वालों से पिटवाते , लोगों से उठक बैठक करा रहा यह व्यक्ति सूरजपुर का कलेक्टर रणवीर शर्मा है। 2012 बैच का यह आईएएस जब प्रोबेशन में था तो इस पर 10 हजार रुपये घुस लेने का आरोप लगा था पैसे की भी जब्ती हुई थी।
ऐसे नौकरशाहों का यूँही मन नही बढ़ता, दरअसल इनका पाला उस मीडिया से नही पड़ता जो इनको रगड़ रगड़ कर इनकी भूसी छुड़ा दे। मेरा इनसे दो तीन बार संवाद हुआ है लेकिन यह आदमी बेहद रहस्यमयी मालूम हुआ।
एक रोज स्टेट हाइवे पर इसके जिले में 8 घण्टे तक लोगों ने केवल इसलिये जाम लगा रखा था क्योंकि खराब सड़क की मरम्मत नही हुई थी इस व्यक्ति ने अपनी जगह एक लेखपाल को भेज दिया और जनता पूरे दिन पुलिस वालों पर गुस्सा निकालती रही। ऐसे अधिकारी जनता के बीच काम करने लायक नही होते, इनको सस्पेंड करके घर बैठा देना चाहिए। काश यह अपने प्रदेश के सीएम से ही थोड़ी विनम्रता सीख लेता।
इधर फेसबुक ही नहीं ट्वीटर पर भी लोगों की नाराजगी सामने आने लगी| लोगों ने आईएएस एसोसिएशन को टैग कर ट्वीट भी करना शुरू कर दिया। जिसके बाद रविवार को आईएएस एसोसिएशन ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ” आईएएस एसोसिएशन, कलेक्टर सूरजपुर, छत्तीसगढ़ के व्यवहार की कड़ी निंदा करता है। यह अस्वीकार्य है और सेवा और सभ्यता के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। सिविल सेवकों को सहानुभूति रखनी चाहिए और इस कठिन समय में संवेदना से पेश आना चाहिए।”