पिथौरा| जंगलों की सुरक्षा के लिए लगाये गए सीमेंट के पोल महीने भर में टूटने लगे हैं | वन विभाग द्वारा प्रदेश भर में वनों के कथित संरक्षण हेतु जंगलों में सीमेंट पोल के साथ कंटीली तार लगाई जा रही है। शासन को करोड़ो का चूना लग गया है और नतीजा सिफर ही है।
वन विभाग द्वारा प्रदेश भर में वनों के कथित संरक्षण हेतु जंगलो में सीमेंट पोल के साथ कंटीली तार लगाई जा रही है। कैम्पा मद से स्वीकृत उक्त कार्य में गड़बड़ी खुलकर सामने आने लगी है । महासमुंद जिले में अनेक स्थानों पर चल रहे कार्यो एवम मटेरियल को देखने से इसकी गुणवत्ता अत्यंत निम्न स्तरीय दिखाई दे रही है। जिससे उक्त कार्य के पीछे विभागीय मंशा पर संदेह होने लगा है।
कैम्पा मद से वन संरक्षण हेतु लगाए गए कंटीली तार एवम सीमेंट पोल अत्यंत निम्न स्तरीय दिखाई दे रहे है। टूटे फूटे गुणवत्ता विहीन सीमेंट पोल को जस का तस जमीन में गाड़ कर उसमें कंटीली तार लगाई गयी है।
अब मौके में देखने पर वर्तमान में माह भर के भीतर लगाए गए पोल गिरे पड़े दिखाई दे रहे हैं जिससे कार्य की गुणवत्ता का भी पता चलता है।
बहरहाल वनों के संरक्षण के नाम से होने वाली इस तरह की भारी गड़बड़ी की उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए।
खराब पोल होंगे वापस–डी एफ ओ
इधर जिले के वन मण्डलाधिकारी पंकज राजपूत ने मीडिया से उक्त मामले में चर्चा करते हुए बताया कि पोल सीएसआईडीसी एप्प से टेंडर के जरिये खरीदे जाते है। वनोपार्जन एवम वन संरक्षण हेतु होने वाले इस कार्य मे खराब पोल आने पर उसे वापस किया जाता है। जिले में दो स्थानों पर गुणवत्ताविहीन पोल सप्लाय के बाद भी उसे वापस किया जा चुका है। वर्तमान कार्य की भी मोनिटरिंग की जा रही है इसमें खराब पोल वापस किये जायेंगे यदि खराब लगाए गए होंगे तो कार्यवाही की जाएगी।
(desh digital के लिए पिथौरा से रजिंदर खनूजा की रिपोर्ट )