पिथौरा| महासमुंद जिले के पिथौरा के समीप ग्राम बरेकेल के जयलाल नामक एक आदिवासी की जमीन पर वन भूमि सुधार के नाम से राशि आहरण कर गबन करने का मामला सामने आया है | जयलाल उस दौरान वह रायपुर सेंट्रल जेल में निरुद्ध था। इधर मनरेगा के तहत यह काम हुआ ही नहीं है | पीड़ित ने कलेक्टर से इसकी शिकायत कर जाँच की मांग कि है | उधर रोजगार सहायक ने भूमि पर जयलाल की पत्नी की अनुमति के बाद कार्य कराने की बात कही है | मामले में सबसे बड़ी बात यह भी है कि जयलाल और उसकी पत्नी अनेक वर्षों से अलग-अलग रहते हैं ।
जयलाल को इस बात की जानकारी तब हुई जब उसने इस कार्य के साथ नाम का उल्लेख करते हुवे नया तालाब के पास नीचे में एक बोर्ड में जानकारी लिखी पाई।
जयलाल के अनुसार प्रशासन के किसी भी व्यक्ति ने उनसे या उनकी पत्नी मोतिन बाई से कोई अनुमति ही नहीं ली गयी। जयलाल ने बोर्ड देखा और अपना खेत जस का तस देखा तो आवाक रह गया।
जयलाल ने खेत की फ़ोटो के साथ आवेदन देकर जांच की मांग की है और दोषियों पर कार्यवाही की मांग की है।
उसने बताया कि जब खेत सुधार के नाम पर राशि का फर्जी आहरण किया गया है तो अब खेत को वास्तविक रूप से सुधार किया जाय ताक़ि मुख्यमंत्री भूपेश सरकार के किसान न्याय योजना के तहत फसल लेकर अपने परिवार को समृद्ध कर सके ।
चर्चा में रहने वाला ग्राम बरेकेल
पिथौरा शहर के समीप का ग्राम बरेकेल खुर्द हर समय सुर्खियों में रहता है।कभी शासकीय और आदिवासी जमीन घोटाला,कभी बेनामी संम्पत्ति ज़ब्ती, कभी अवैध शराब में जेल तो कभी ईटभट्टा में पलायन करने वालों का ना पता चलना। अभी अभी तो 41 लोगों ने अधिक उम्र बताकर पेंशन घोटाला किया है| बड़े झाड़ जंगल जमीन पर सीपीटी नाली को खोदकर जेसीबी से खेत बनाया जा रहा है।वर्षों से श्मशान घाट घोटाले की गूंज चल ही रही है कि ताजा घोटाला जेल घोटाले के नाम से उभर कर सामने आया है।
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पत्नी से पूछकर काम कराया
इधर शासकीय पट्टे की वन भूमि पर काम किये बगैर राशि आहरण करने के मामले में रोजगार सहायक कुबेर साहू ने इस प्रतिनिधि को बताया कि जयलाल की जमीन पर उन्होंने उनकी पत्नी की अनुमति से सुधार काम करवाया था। श्री साहू जयलाल की पत्नी का नाम भी नहीं बता पाए। साथ ही जयलाल को पागल की तरह दिखने वाला इंसान बताया|
क्या कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीणों के अनुसार वह मेहनत करने वाला व्यक्ति है। इसके अलावा वन पट्टाधारी मितरू पिता दुखुराम,सखा राम पिता परेऊ , पंच राम पिता दुखु राम,लीलावती पिता दुलार एवम सुंदर साय पिता सोनसाय को वन पट्टा मिला है।इनके नाम से भी किये सुधार और कथित निर्मित डबरी भी जांच के दायरे में है। जयलाल की पत्नी अनेक वर्षों से उनसे अलग होकर सराईपाली में रहती है।
बहरहाल, अब देखना यह है कि नए कलेक्टर इस मामले में कितनी तेजी से कदम उठाते हैं और एक गरीब आदिवासी को न्याय दे पाते हैं , अब जबकि मुख्यमंत्री ने विधानसभा सत्र के बाद गॉंव-गॉंव में तूफानी दौरे की घोषणा कर दी है।
deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा
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