पिथौरा| डॉ रमन सिंह के भाजपा शासन काल में मोबाईल वितरण एवं आबादी सर्वे मानदेय राशी 3.70 लाख के गबन के आरोपी पूर्व तहसीलदार बनसिंह नेतामऔर कानूनगो विपीन प्रधान को क्लीनचिट देकर बचाने वाले जांच अधिकारी तहसीलदार लीलाधर कंवर की रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए शिकायतकर्ता डॉ लाल बहादुर महान्ती ने पुनः जांच की मांग की है।वही इस सम्बंध में तहसीलदार से सम्पर्क का प्रयास किया गया परन्तु उनसे संपर्क नही हो पाया।
सामाजिक कार्यकर्ता एवम पत्रकार डॉ लालबहादुर महान्ती ने प्रेस से चर्चा में बताया कि उक्त राशी की मांग व घोटाला का पता तब चला जब तहसील पटवारी संघ के आध्यक्ष पवन बघेल के हस्ताक्रर से जारी पत्र दि 28.02.2020 से 56 पटवारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये थे।
तत्कालीन तहसीलदार टी आर देवांगन ने कानूनगो एवं नायब नाजीर प्रभारी विपीन प्र्धान से उक्त राशि के आहरण एवं बंटन नहीं करने के आरोप मे आपराधिक प्रकरण बनाने का नोटिस जारी किया जिस पर विपीन प्रधान ने आनन-फानन में हड़ताल पर गये 56 पटवारियों से दस्तखत कराकर 3 वर्ष पुराने मामले में नकदी राशी मिलने का बिल पेश कर दिया जबकि समस्त राशी का भुगतान चेक से किया जाना था।
बिना चेक क्र्.का उल्लेख किये 4 पन्ने के सादा टाईप किये हुवे बिल मे वर्ष 2016-17 अंकित है और 5000 तथा 2000 की राशी का उल्लेख है।यह राशी स्टेट बैंक पिथौरा की शाखा से 31.03.2019 को निकाल ली गई है।राशि गबन के बाद तहसीलदार नेताम पदोन्नत होकर डिप्टी कलेक्टर पद पर सुकमा चले गये जबकि विपीन प्रधान सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द पिथौरा मे आरएचओ पद पर वापस हुवे।
वर्तमान तहसीलदार लीलाधर कंवर ने जांच को आगे न बढाकर शिकायतकर्ता के आरोप को असत्य व निराधार बताते हुवे जांच रिपोर्ट पेश की है।सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के बाद पत्रकार डॉ महान्ती ने आपत्ति करते हुवे कमिश्नर रायपुर संभाग ,कलेक्टर महासमुंद और अनुविभागीय अधिकारी(रा)पिथौरा से पटवारियों के दस्तखत की इंक-डेटींग जांच की मांग की है।
इसी प्रकार पुराने प्रकरण में मेमरा के ख नं 1228/2 में बिना कलेक्टर मंजूरी जमीन बेचने पर प्रथम सूचना रपट दर्ज करने की मांग की गई है।विपीन प्रधान, पटवारी बेजामिन सिक्का तथा कोटवार नागवंशी के विरूद्ध नरेंद्र सेन की रिपोर्ट पर 1800 किसान किताब के हेरफेर के आरोप में थाना पिथौरा मे धोखाघडी़ का मामला दर्ज है।