पिथौरा| सिक्खों के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल क्षेत्र नानक सागर में मंगलवार को होला महल्ला धूम धाम से मनाया गया.कार्यक्रम में गतका मुकाबले के साथ श्री अखंड पाठ एवम लंगर भी लगाया गया था.
सिक्खों के प्रथम गुरु श्री गुरुनानक देव जी के विश्राम स्थल नानक सागर में लगातार तीसरे वर्ष भी होला महल्ला पर्व की धूम रही.कार्यक्रम में सिक्खों के अलावा बंजारा एवम रविदास जी के अनुयायी भी शामिल हुए.
होली के दूसरे दिन नानक सागर गुरुद्वारा में सुबह श्री अखंड पाठ की समाप्ति हुई.यह अखंड पाठ रविवार को प्रारम्भ किया गया था. इसके बाद रायपुर एवम दुर्ग से विशेष तौर पर पहुचे कीर्तन जत्थे द्वारा कीर्तन किया गया. कीर्तन के बाद गुरु का लंगर आयोजित किया गया था.
उक्त कार्यक्रमो के बाद गुरु के खेत मे देश भर से आई अनेक गतका टीमो में कॉम्पिटिशन हुआ. गतका के प्रदर्शन को उपस्थित जनों ने खूब सराहा. इसके बाद गतका खिलाड़ियों एवम अन्य प्रतिभावान सिक्ख एवम बंजारा बंधुओ का सम्मान किया गया. होला महल्ला के उक्त कार्यक्रम में रायपुर, दुर्ग, बरगढ़, दिल्ली, सहित प्रदेश एवम आसपास के सिक्ख जन कार्यक्रम में शामिल हुए.
ज्ञात हो कि कोई चार वर्ष पूर्व दिल्ली से आये स देवेंद्र सिंह खालसा एवम रायपुर के रिंकू ओबेरॉय ने नानक सागर पहुच कर वहां के इतिहास के पन्नो की कड़ियाँ जोड़ कर यह पता लगाया था कि अब से कोई 506 वर्ष पूर्व प्रथम गुरु श्री गुरुनानक देव जी अपनी जगन्नाथ भगवन के दर्शन हेतु पूरी यात्रा के दौरान नानक सागर में दो दिन रुक कर विश्राम किया था.
नानक सागर: 517 बरस पहले जहाँ गुरुनानक देव रुके थे 2 दिन
गुरु के नानक सागर में रुकने के अनेक प्रमाण भी मिले थे. जिसके कारण सिक्ख पंथ के साथ बंजारा समुदाय की आस्था नानक सागर के प्रति बढ़ गयी है.
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लिहाजा गुरु के इस स्थान पर वर्ष भर अनेक तरहः के कीर्तन समागम एवम अन्य पर्व भी उत्साह से मनाए जा रहे है. इसके अलावा माह की प्रत्येक पूर्णिमा में यहां श्री अखंड पाठ करवा कर लंगर सेवा भी अनवरत की जा रही है.
deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा