वन परिक्षेत्र कोठारी : जेसीबी से जंगल का मुरुम निकाल मुरमी करण ! खतरे में वन्य जीव ?

वन परिक्षेत्र कोठारी के तहत मार्गो में मुरमी करण का कार्य जंगल मे ही गड्ढा कर जेसीबी मशीनों से खुदाई कर किया जा रहा है. ग्रामीणों के अनुसार मुरमी करण के कार्य मे वन विभाग जिस तरह जंगल मे खुदाई की गई है उससे आम ग्रामीणों के साथ वन्य प्राणी भी खतरे में पड़ जाएंगे.

पिथौरा| समीप के वन परिक्षेत्र कोठारी के तहत मार्गो में मुरमी करण का कार्य जंगल मे ही गड्ढा कर जेसीबी मशीनों से खुदाई कर किया जा रहा है. ग्रामीणों के अनुसार मुरमी करण के कार्य मे वन विभाग जिस तरह जंगल मे खुदाई की गई है उससे आम ग्रामीणों के साथ वन्य प्राणी भी खतरे में पड़ जाएंगे. उक्त सम्बन्ध में कोठारी परिक्षेत्र अधिकार जीवन साहू ने बताया कि ग्रामीणों का आरोप गलत है. कुछ सड़को के लिए मुरुम खुड़मुडी तालाब एवम कोठारी के किसानों के खेतों से खुदाई की जा रही है.

ग्रामीण सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बारनवापारा से अलग हुए कोठारी वन परिक्षेत्र में पर्यटकों के पर्यटन पॉइंट नुंछा बेरियर से फुरफुन्दी मार्ग , फुरफुन्दी मार्ग से बिलसपुरिहा पेट्रोलिंग कैम्प, बिलसपुरिहा कैम्प से कोठारी बेरियर,एवम कोठारी से देवहिल्स मार्ग में कोठारी वन परिक्षेत्र द्वारा मुरमीकरण का कार्य करवाया जाना था. परन्तु उक्त कार्य एक ठेकेदार सेे कराया जा रहा है. ठेकेदार के लोग कोठारी बकायदा कोठारी वन कार्यालय में ही डेरा डाल कर गड़बड़ियों को अंजाम दे रहे है.

उक्त सम्बन्ध में ग्रामीणों ने बताया कि कोठारी वन परिक्षेत्र में मुरमीकरण चार मार्गो पर हो रहा है. सभी मार्गो पर मुरमी करण हेतु मुरुम जंगल मे बकायदा माउंटेन जेसीबी लगाकर की जा रही है. जिससे जंगल के भीतर अनेक खाईनुमा गड्ढे बन रहे है जिससे वन्य प्राणियों की अकाल मौतों की संभावना बढ़ जाएगी.

 मुरुमी करण में मात्र मुरुम छिड़काव

सड़को पर पर्यटकों के आवागमन को सुगम बनाने के लिए शासन द्वारा वन मार्गो में मुरमी करण स्वीकृत किये गए है. परन्तु वन्य प्राणियों से भरे वन परिक्षेत्र कोठारी में अफसर शासन की मंसा पर पूरी तरह पानी फेरते दिख रहे है. लिहाजा जिन सड़को पर मुरमी करण कर सड़क को छोटी वाहनों हेतु आवागमन के लिए दुरुस्त किया जाना था. उन्ही सड़को पर विभाग द्वारा भारी गड़बड़ी करते हुए जंगल के भीतर नुंछा पेट्रोलिंग कैम्प के समीप कक्ष क्र 176 के समीप असंवैधानिक रूप माउंटेन जेसीबी लगाकर मुरुम खुदाई करवाई जा रही है. एवम मुरुम निकालने के लिए भी जंगल के भीतर प्रतिबन्धित हाइवा ट्रक से मुरुम निकलवाई जा रही है. बहरहाल वन विभाग के रॉयल्टी बचा कर अधिक से अधिक धन कमाने की मन्सा से जंगल मे बन रही खाई वन्य प्राणियों के लिए प्राणघातक सिध्द हो सकती है.

 किसानों से ली जा रही मुरुम–रेंजर
इधर कोठारी वन परिक्षेत्र अधिकारी जीवन साहू ने इस प्रतिनिधि को मोबाइल से बताया कि मुरुम एक तालाब के पास से खोदकर उपयोग की जा रही है. इसके अलावा खुदमुडी तालाब के पास एक किसान के खेत से अनुमति लेकर लायी जा रही है.

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 मुरुम निकलने हरे भरे पेड़ों की बलि

कोठारी वन परिक्षेत्र के नुंछा पेट्रोलिंग कैम्प के समीप कक्ष क्र 176 से मुरुम निकलने के लिए हाइवा एवम जेसीबी मशीन को पहुचने के लिए दर्जनों छोटे बड़े पेड़ो की बलि दी गयी है. जिससे अब कोठारी जंगल के उक्त क्षेत्र मुरुम खदान में तब्दील हो रहे है. ग्रामीणों ने पूरे मामले की जांच कर दोषी अधिकारी पर सख्त कार्यवाही की मांग की है.

deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा 

 

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