बसना| आधार कार्ड से लिंक न होने के नाम से किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा राशि से किसान किस तरह से वंचित हो रहे हैं | इसका एक नमूना महासमुंद जिले के सराईपाली ब्लॉक के एक पीड़ित किसान के साथ हुए मामले से सामने आया है | इधर state bank OF india अब किसान से बस जमा की गई प्रिमियम राशि ले जाने की बात कर रहा है |
प्रधानमंत्री फसल बीमा राशि जमा करते उम्मीद थी कि अगर फसल न हुआ तो कुछ तो भरपाई हो जाएगी | लेकिन अब उम्मीद टूट गई ,फसल का नुकसान सो अलग |
सराईपाली ब्लॉक के ग्राम गिधामुंडा निवासी किसान भोलानाथ साहू यह कहते काफी निराश थे | उन्होंने अपने पास संभल रहे रखे बीमा के कागजात दिखाते बताया , उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा अपने 4.40हेक्टेयर भूमि के फसल का करवाया था| सालाना प्रीमियम 4396/रुपया उसके खाते से 14/07/2020 को काट लिया गया|
अब फसल बीमा पाने के लिए उसे कई बार बैंक का चक्कर काटना पड़ रहा है | चक्कर काटते वह अब थक चुका है |
किसान की मानें तो SBI सराईपाली के ब्रांच मैनेजर ने कहा कि आपको बीमा कंपनी रायपुर वाले उसका बीमा दे सकते है ।किसान बीमा कार्यालय रायपुर भी गया वहाँ के कहना यह है कि हमारे पास आपका कोई प्रकार की बीमा राशि जमा नहीं हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि आपका बीमा राशि खाते से कटा है तो बीमा राशि का पैसा तो मिलना चाहिए| उन्होंने किसान तथा बैंक मैनेजर सरायपाली के पास पत्र जारी कर बीमा राशि देने को कहा|
इधर वह जब यह पत्र लेकर पहुंचा तो ब्रांच मैनेजर ने कहा , चूँकि उसका आधार कार्ड लिंक नहीं हुआ है इसलिए उसे बीमा की राशि नहीं मिल पायेगी | किसान चाहे तो जमा प्रीमियम की राशि ले जा सकता है |
deshdigital ने जब किसान भोलानाथ साहू से इस सम्बन्ध में बात की तो उसने बताया , जब मैंने प्रधानमंत्री फसल बीमा की राशि जमा कराई थी तो उस समय मुझे आधार कार्ड का फोटो कॉपी माँगा गया था जिसे मैंने जमा कर दिया था |
इससे पहले बरस का फसल बीमा जब मुझे मिल चुका है | तो इस बरस का क्यों नहीं ?
deshdigital ने SBI सराईपाली के ब्रांच मैनेजर से इस बाबत चर्चा की तो उन्होंने बताया कि उक्त किसान का इस ब्रांच से प्रीमियम कटा गया है | जिस बीमा कम्पनी का पोर्टल है उसमें आधार कार्ड का लिंक होना जरुरी है अन्यथा वह डाटा एंट्री होता ही नहीं | किसान की जो फाइल थी उसमें आधार कार्ड का नम्बर नहीं था | उक्त किसान के दिए गये मोबाईल पर कई बार मैसेज किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया, न ही उन्होंने आकर आधार कार्ड जमा कराया इसलिए उनका डाटा एंट्री पोर्टल पर नहीं हो पाया |
इससे पहले उक्त किसान को बीमा की रकम मिलने के सवाल पर ब्रांच मैनेजर कहते हैं , पहले आधार कार्ड लिंक की बाध्यता नहीं थी |
वैसे ब्रांच मैनेजर ने माना कि ऐसे तो कई किसान है जिनको बीमा राशि नहीं मिली है | जब बैंक मैनेजर ने इस तरह के किसानों की संख्या और राशि के सम्बन्ध में जानकारी मांगी गई तो बताने से इंकार कर दिया | उनका कहना था किसान प्रिमियम राशि की राशि ले जा सकता है |
क्या कहते हैं जानकार
राजधानी रायपुर में कार्यरत अधिवक्ता, कई बैंकों के विधिक सलाहकार विनय भोई ने इस मामले में बताया कि किसान को उपभोक्ता फोरम में मामला दायर करना चाहिए | अगर प्रीमिएम राशि काटी गई है तो उपभोक्ता का हक़ है बीमित राशि पाने का | किसान ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं होता, उसे तकनीकी समझ कम होती है | तकनीकी का मामला बैंक का है | बैंक सेवा में निम्नता परिलक्षित हो रही है |
बहरहाल, इसे किसान की गलती या लापरवाही मानें या बैंक की | प्रीमियम राशि कटते वक्त पोर्टल पर एंट्री के लिए आधार की बाध्यता नहीं थी |
इस तरह के मामले न जाने और कितने होंगे| परेशान किसान बीमा राशि का इंतजार करते बैंक के चक्कर काट रहे होंगे| आखिर क्या इसकी भी जवाबदेही तय नहीं होनी चाहिए |
deshdigital के लिए बृजलाल दास की रिपोर्ट
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